बिहार में सीवान के लाल आशुतोष की किताब का पद्मभूषण रामबहादुर राय ने किया लोकार्पण 

-गांव में खुशी की लहर

सीवान, 28 जनवरी (हि.स.)।बिहार में सीवान जिले के हसनपुरा प्रखंड अन्तर्गत रजनपुरा के रहने वाले स्वास्थ्य सेवी आशुतोष कुमार सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। क्वालिटी हेल्थ पर हाल ही में लिखी गई उनकी किताब डॉ.जे एल मीनाः पीएचसी से एनएमसी तक की देश भर में खूब सराहना हो रही है। नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में पद्मभूषण रामबहादुर राय, ब्रिटेन से आए प्रवासी लेखक डॉ. तेजेन्द्र शर्मा, भारतीय विश्वविद्यालय संघ के संयुक्त सचिव डॉ. आलोक कुमार मिश्र, एनएबीएल के निदेशक डॉ. पंकज जौहरी, पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. राजकुमार, डॉ जे एल मीना एवं लेखक आशुतोष कुमार की 90 वर्षीय माता जासमति देवी ने इसका संयुक्त रूप से लोकार्पण किया।

उपलब्धि पर रजनपुरा गांव में भी खुशी का माहौलआशुतोष की उपलब्धि से गांव और परिवार के लोगों में काफी खुशी है। बड़े भाई चंद्रशेखर सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि यह हमारे गांव ही नहीं बल्कि पूरे जिला के लिए गौरव की बात है कि यहां का लाल देश-दुनिया में अपना नाम रौशन कर रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात की इतने बड़े मंच पर आशुतोष ने मां को भी बैठाया। समाजसेवी विपिन कुमार सिंह ने भी इसकी सराहना की।

इस किताब को मैं स्वास्थ्योपनिषद कहना चाहता हूंपद्मभूषण रामबहादुर राय ने लोकार्पण समारोह में अपना अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि ‘हमारे यहां प्राचीन काल से ही ज्ञान के भंडार उपनिषदों की चर्चा होती आयी है। उसमें से एक है प्रश्नोपनिषद। इसी तर्ज पर आशुतोष कुमार सिंह ने डॉ जे एल मीना से बातचीत कर स्वास्थ्य से जुड़े तमाम पक्षों को समझने की कोशिश की है। इस किताब को स्वास्थ्योपनिषद कहना चाहता हूं। उन्होंने इस पुस्तक को हिंदी में अपनी तरह की पहली पुस्तक बताया और कहा कि कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य को लेकर सजगता आयी है और जन-अभियान बनता जा रहा है।

डाइट, रहन-सहन और योग से 90 प्रतिशत रोग पर होगा काबूकार्यक्रम के मुख्य अतिथि और प्रवासी लेखक डॉ तेजेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य में क्वालिटी कल्चर डेवेलप करने के लिए सरकार को पहले सख्त नियम बनाने पर बल दिया। वहीं वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टीच्युट के निदेशक प्रो राजकुमार ने कहा कि मरीज को सहजता से जल्द हेल्थकेयर मिलना बहुत जरूरी है। अगर डाइट, रहन-सहन और योग पर फोकस हो तो 80 से 90 प्रतिशत रोग को काबू किया जा सकता है।

इस कार्यक्रम में धीप्रज्ञ द्विवेदी ने विषय प्रवेश कराया। जबकि संजीव कुमार सिंह ने धन्यवाद दिया। वहीं मंच का संचालन सीवान के रहने वाले भोजपुरी के लोकप्रिय कवि मनोज सिंह भावुक ने किया।

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