उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति का आधार बनेगा कौशल विकास: कपिल देव अग्रवाल

लखनऊ, 20 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि कौशल विकास उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति का आधार बनेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि युवाओं को न केवल प्रशिक्षण दिया जाए, बल्कि उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए एक व्यापक स्किल मैप तैयार किया जाए। इस मैप के माध्यम से यह सुनिश्चित होगा कि प्रशिक्षित युवाओं को उनकी योग्यता और कौशल के आधार पर उपयुक्त रोजगार के अवसर मिलें।

मंगलवार को कौशल विकास मिशन सभागार में प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त कंसल्टेंसी संस्था डेलॉयट के प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान डेलॉयट प्रतिनिधियों ने विभाग के लिए निर्धारित विभिन्न लक्ष्यों की प्रगति का प्रस्तुतीकरण दिया और आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना हेतु नए लक्ष्यों पर चर्चा की। कौशल विकास मंत्री ने विभागीय लक्ष्यों की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए डेलॉयट को इसमें तेजी लाने और लक्ष्यों पर पुनर्विचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए जिनका प्रभाव अर्थव्यवस्था की वृद्धि में शीघ्र दिखाई दे। ऐसे ट्रेड्स शुरू करें जिनमें प्रशिक्षण प्राप्त युवा अधिक वेतन पा सकें और आधुनिक प्रौद्योगिकी का बेहतरीन ज्ञान प्राप्त करें। साथ ही, स्व-रोजगार को बढ़ावा देने वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण पर ध्यान दें, ताकि युवा अपना रोजगार शुरू कर सकें।

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने डेलॉयट संस्था के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे विभाग का व्यापक स्तर पर सर्वे करें और यह विश्लेषण करें कि विभाग की मौजूदा योजनाओं और गतिविधियों को और प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है।

बैठक में प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने डेलॉयट प्रतिनिधियों को उद्योगों के साथ वार्ता कर अप्रेंटिसशिप सीटों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि कम रोजगार और स्व-रोजगार संभावना वाले ट्रेड्स को चिह्नित कर उन्हें राजकीय आईटीआई से हटाया जाए और उनकी जगह आधुनिक ट्रेड्स शुरू किए जाएं।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

   

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