सूरत के मोटा बोरसरा गैंगरेप केस में पुलिस ने 15 दिन में 3 हजार पन्ने की चार्जशीट पेश की

-तीन आरोपितों में से एक की पुलिस कस्टडी में हो गई थी मौत

सूरत, 25 अक्टूबर (हि.स.)। जिले की मांगरोल तहसील के मोटा बोरसरा गांव में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस ने घटना के 15 दिन के भीतर शुक्रवार को कोर्ट में 3 हजार पन्ने की चार्जशीट पेश की है। इसमें 467 मुख्य पन्ने और बाकी करीब 2500 पन्ने की सॉफ्ट कॉपी पेश की गई है। पुलिस ने केस को शीघ्र सॉल्व करने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई थी।

पुलिस के अनुसार मांगरोल तहसील के मोटा बोरसरा गांव में नवरात्रि के दौरान 8 अक्टूबर को एक नाबालिग के साथ 3 लोगों ने गैंगरेप किया था। घटना के बाद पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर सभी आरोपितों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की। तीनों आरोपितों मुन्ना पासवान, शिवशंकर उर्फ दयाशंकर चौरसिया और रामसजीवन उर्फ राजू विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया था।

पूछताछ के दौरान शिवशंकर उर्फ दयाशंकर चौरसियों की तबियत बिगड़ने के बाद उसे सूरत के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराय गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। सूरत ग्रामीण पुलिस अधीक्षक हितेश जोयसर ने बताया कि आरोपितों को शीघ्र पकड़ने के बाद आगे की कार्यवाही के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई गई थी। इसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक आरआर सरवैया ने किया। 50 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों ने लगातार 15 दिनों दिन-रात एक कर मेहनत की। इसके परिणामस्वरूप शुक्रवार को 467 मुख्य पन्ने और करीब 2500 सॉफ्ट कॉपी के पन्ने का चार्जशीट पोक्सो कोर्ट में पेश की गई है। इस दौरान 60 से अधिक गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं।

चार्जशीट में सभी तरह के सबूत, डायरेक्ट एविडेंस, इन डायरेक्ट एविडेंस, साइंटिफिक, वॉइस स्पेक्ट्रोग्राफी और सीआरपीसी 164 के तहत यानी नई बीएनसी की धारा 183 के अनुसार बयान दर्ज किए गए हैं। मेडिकल से जुड़े एफएसएल आदि सभी सबूतों को इसमें शामिल किया गया है। घटना के तीसरे दिन ही विशेष पीपी के रूप में नयनभाई सुखडवाला की नियुक्ति की गई थी। पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि पुलिस का प्रयास है कि आरोपितों को त्वरित गति से सजा मिले, जो मिसाल बन सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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