पलवल जिले में हुरंगा होली की धूम

पलवल, 14 मार्च (हि.स.)। पलवल जिले में होली का पर्व एक विशेष उत्साह और अनूठी परंपराओं के साथ मनाया गया। यहां की होली देशभर में अपनी विशिष्ट परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है, जहां धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का अनूठा संगम देखने को मिलता है।

पलवल की होली को ‘हुरंगा होली’ के नाम से भी जाना जाता है। इस होली में स्थानीय लोग परंपरागत रूप से रंगों के साथ-साथ प्रतीकात्मक संघर्ष का आयोजन करते हैं, जो पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी, उसी भावना को जीवंत करने के लिए यहां के लोग विशेष आयोजन करते हैं।यहां होली का जश्न तीन दिन तक चलता है। पहले दिन होलिका दहन के दौरान भक्तों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। दूसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है, जिसमें देशभर से श्रद्धालु शामिल होते हैं। तीसरे दिन ‘संघर्ष की होली’ खेली जाती है, जिसमें प्रतीकात्मक युद्ध का आयोजन किया जाता है। पलवल की अनूठी होली देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक यहां पहुंचते हैं। स्थानीय मंदिरों में विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन होता है, जिसमें कृष्ण भक्ति से सराबोर झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक पलवल की होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर है, जो समाज में प्रेम, भाईचारे और उत्साह का संदेश देती है। यही कारण है कि यह होली पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।प्रशासनिक तैयारियां पूरी होली के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस बल की विशेष तैनाती के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है, ताकि पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग

   

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