पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षक धरना रैली प्रदर्शन

रायपुर, 24 अक्टूबर (हि.स.)।अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ में आज गुरुवार प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षक धरना रैली प्रदर्शन कर रहे हैं।छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे ने बताया कि शिक्षकों में संविलियन के बाद वर्षों की पुरानी सेवा को शून्य किये जाने से नाराजगी है। इसके कारण कर्मचारियों को मिलने वाले त्रिस्तरीय क्रमोन्नति/ समयमान वेतनमान से वंचित होना पड़ रहा है।संविलियन के बाद पुरानी सेवा को शून्य करने से आये वेतन विसंगतियों से शिक्षक नाराज हैं। आज सामूहिक अवकाश लेकर शिक्षक हड़ताल पर हैं जिसकी वजह से प्रदेश के अधिकांश स्कूल भी बंद हैं।

शिक्षकों का संविलियन आंदोलन के बाद यह पहला आंदोलन है, जिसमें सभी प्रमुख शिक्षक संगठन एक साथ एक मंच पर आकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा बनाकर आंदोलन कर रहे हैं।जिसमें एल बी संवर्ग के सभी सहायक शिक्षक, विज्ञान सहायक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/माध्यमिक), संकुल समन्वयक,शिक्षक, लाइब्रेरियन, व्याख्याता, प्रभारी प्राचार्य शामिल हुए हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा,मनीष मिश्रा व विकास राजपूत के नेतृत्व में इसे पूर्व सेवा गणना मिशन का नाम दिया गया है।

शिक्षकों का कहना है कि वेतन विसंगति को दूर करने की बात मोदी गारंटी में वर्तमान सरकार ने खुद अपने संकल्प पत्र में लिखा है। ऐसे में अपनी इन्ही मांगों को लेकर प्रदेश के 1 लाख 80 हजार शिक्षक आज 24 अक्टूबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बड़ा धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि ओपीएस में पूर्ण पेंशन नहीं मिल पाएगी। ग्रेज्युटी,कैशलीव जैसी सुविधाओं में भी आंशिक लाभ ही मिल पायेगा, क्योंकि इन सबका पूर्ण लाभ लेने के लिए तय समयावधि की सेवा जरुरी होती है।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा की 5 सूत्री मांगें-

1 -मोदी की गारंटी के तहत सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर कर सभी एलबी संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए।

2 -पुनरीक्षित वेतनमान में सही वेतन का निर्धारण कर 1.86 के गुणांक पर वेतन का निर्धारण किया जाए।

3 -पूर्व सेवा अवधि की गणना करते हुए सभी शिक्षक को पुरानी पेंशन को निर्धारित करते हुए भारत सरकार द्वारा 2 सितंबर 2008 के जारी आदेश के समान 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया जाए।

4 -उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा डबल बैच द्वारा पारित निर्णय के तहत सभी पात्र शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति समयमान का विभागीय आदेश जारी किया जाए।

5 -शिक्षक और कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जुलाई 2024 से 3 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाए। जुलाई 2019 से देयतिथि पर महंगाई भत्ते के एरियर राशि का समायोजन जीपीएफ और सीजीपीएफ खाता में किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

   

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