नशा मुक्ति जागरूकता के लिए साइकिल यात्रा

वाराणसी, 28 मार्च (हि.स.)। नशा मुक्त अभियान के तहत संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित चार दिवसीय साइकिल यात्रा का समापन शुक्रवार को हुआ। इस यात्रा में विद्यार्थियों ने कुल 183 किलोमीटर साइकिल चलाकर नशा मुक्ति के प्रति जन जागरूकता फैलाने का काम किया। यात्रा के समापन पर विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

यात्रा के संयोजक प्रो. राघवेंद्र दुबे ने बताया कि इस यात्रा के अंतिम दिन रामेश्वरम के बाद गोपपुर स्थित केदारनाथ संस्कृत महाविद्यालय में साइकिल यात्रा का अल्पकालिक विश्राम हुआ। यहां नशा मुक्ति पर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें दर्जनों बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसके बाद, विवि के गोद लिए गांव स्थित सरस्वती संस्कृत विद्यापीठ में बच्चों के बीच नशा मुक्ति और संस्कृत की वर्तमान में उपयोगिता विषय पर प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और नशा मुक्ति पर सकारात्मक विचार व्यक्त किए।

इस प्रतियोगिता के बाद विद्यार्थी साइकिल चलाते हुए कपिलधारा होते हुए संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य भवन पहुंचे, जहां यात्रा का समापन हुआ। प्रो. राघवेंद्र दुबे ने बताया कि इस यात्रा का आयोजन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की प्रेरणा से किया गया था। ताकि नशा मुक्ति और संस्कृत के महत्व को लेकर जन जागरूकता बढ़ाई जा सके।

साइकिल यात्रा को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों का योगदान रहा, जिनमें डॉ. पद्माकर मिश्र, डॉ. विजेंद्र आर्य, डॉ. कुंज बिहारी द्विवेदी, डॉ. दिव्य चैतन्य और डॉ. रवि शंकर पांडेय प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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