हैलेट में इंटरलैमिनर इन्डोस्कोपिक सर्जरी के जरिये स्पाइन में स्लिप डिस्क का सफल ऑपरेशन

कानपुर, 28 अक्टूबर (हि.स.)। रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन नाम आते ही मरीजों व तीमारदारों में सिहरन पैदा हो जाती है, लेकिन अब हैलट अस्पताल में इंटरलैमिनर इन्डोस्कोपिक सर्जरी की व्यवस्था हो गई है। इससे मरीज की पीठ में बड़ा चीरा भी नहीं लगता और कम समय में मरीज फिट हो जाता है। इस तकनीक के जरिये सोमवार को हैलट अस्पताल में एक मरीज का स्पाइन में स्लिप डिस्क का सफल आपरेशन किया गया। इस विधि से आपरेशन उन मरीजों के लिए वरदान बताया जा रहा है जिनमें डायबिटीज, मोटापे और हृदय सम्बंधी बीमारियों की वजह से बेहोशी का खतरा ज्यादा होता है।

गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज से सम्बद्ध लाला लाजपतराय अस्पताल (हैलट) में एक 45 वर्षीय मरीज आया जिसको चार महीने से कमर में दर्द की शिकायत थी। मीडिया प्रभारी डाॅ. सीमा द्विवेदी ने सोमवार को बताया कि एम.आर.आई. की जांच करने पर पता चला कि मरीज की स्पाइन की सबसे नीचे की डिस्क बाहर निकल कर नसों को दबा रही थी। सामान्यतः इसके ऑपरेशन में पीठ में 2-3 इंच का चीरा लगता है और मरीज को कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है। अब एंडोस्कोप के द्वारा इस प्रकार की जटिल सर्जरी मरीजों के लिए बहुत ही आसान हो रही है। इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी में एक सेंटीमीटर से कम के चीरे के द्वारा रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन संभव है। इसी विधि से मरीज का सफल आपरेशन किया गया और अब वह पूर्णतया स्वस्थ है।

आपरेशन के बाद तुरंत चल सकता है मरीज

स्लिप डिस्क का सफल ऑपरेशन करने वाले न्यूरो सर्जरी विभाग के डाॅ. अमित गुप्ता ने बताया कि इस विधि से मांसपेशियों एवं हड्डियों को भी काटना नहीं पड़ता है, उनको फैलाकर ही दूरबीन को अन्दर तक ले जाते हैं। जिससे ऑपरेशन के दौरान रक्तस्राव भी बहुत कम होता है। मरीज को ऑपरेशन के तुरंत बाद चलाया जा सकता है एवं 1-2 दिनों में ही अस्पताल से छुट्टी की जा सकती है। जिन मरीजों को हृदय की समस्याओं की वजह से बेहोशी के खतरे ज्यादा होते हैं, उनमें बिना बेहोश किए भी लोकल एनेस्थीसिया में इंडोस्कोपिक सर्जरी की जा सकती है। ऑपरेशन के बाद दर्द की दवाइयों की भी कम जरुरत पड़ती है और मरीज जल्द ही अपने काम पर वापस जा सकता है। इस आपरेशन में उनके साथ डा. अनुराग, डॉ. प्रीतेश, डॉ. प्रवीण एवंएनेस्थीसिया की टीम में डॉ अनिल वर्मा रहे।

आयुष्मान कार्ड मान्य

प्रधानाचार्य डॉ. संजय काला ने इस सफल आपरेशन के लिए डाक्टरों की टीम को बधाई देते हुए बताया कि अब आयुष्मान कार्ड धारक भी हैलेट अस्पताल में इस प्रकार की नवीनतम सर्जरी की सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए अब उनको शहर से बाहर नहीं जाना होगा।इंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी से अधिक सटीकता और सुरक्षित तरीके से रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन किए जा सकते हैं। इंडोस्कोपिक स्पाइन विधि दर्द से पीड़ित उन रोगियों के लिए एक उत्कृष्ट समाधान है जो एक सक्रिय जीवन शैली में तेजी से वापसी चाहते हैं। खिलाड़ियों, प्रोफेशनल कर्मी जैसे सुरक्षाकर्मी, पायलट, मॉडलिंग में जुड़े व्यक्तियों एवं सीनियर सिटीजन के लिए यह विधि अत्यंत उपयोगी है। रीढ़ की हड्डी की टी.बी. में एंडोस्कोप के द्वारा नसों के ऊपर से पस को निकाल कर दबाव कम किया जा सकता है जिससे आगे के इलाज में आसानी होती है। समय के साथ साथ स्पाइन एवं दिमाग की अन्य बीमारियों में भी एंडोस्कोप का उपयोग बढ़ रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह

   

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