चीनी उद्योग में जीडीपी में अपनी हिस्‍सेदारी बढ़ाकर तीन फीसदी करने की क्षमता: गडकरी

नई दिल्ली, 30 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि चीनी उद्योग में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर तीन फीसदी करने की क्षमता है। फिलहाल चीनी उद्योग की जीडीपी में हिस्सेदारी 1.0 से 1.15 फीसदी है। उन्होंने गन्ने का प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाने की जरूरत भी बतायी।

केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्‍ली में चीनी मंडी की ओर से आयोजित चीनी-इथेनॉल और जैव ऊर्जा भारत सम्मेलन (एसईआईसी) 2025 के चौथे संस्करण को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय चीनी उद्योग देश की जीडीपी में तीन प्रतिशत योगदान देने की क्षमता रखता है। नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में चीनी, इथेनॉल और बायोएनर्जी के अभिसरण पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने नीतिगत उन्नति, तकनीकी नवाचारों और जैव ईंधन अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले उभरते बाजार की गतिशीलता के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता में उनकी भूमिका पर भी जोर दिया।

उन्‍होंने कहा कि जैव ईंधन और सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के साथ चीनी उद्योग हरित भविष्य को आगे बढ़ाने, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ाने में सबसे आगे है। गडकरी ने कहा कि सरकार ने देश में वैकल्पिक ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत कुछ किया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार अब इथेनॉल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है।

केंद्रीय कैबिनेट ने एक दिन पहले चीनी विपणन वर्ष 2024-25 के लिए सी श्रेणी के शीरे से प्राप्त इथेनॉल की कीमत (एक्स-मिल) 1.69 रुपये बढ़ाकर 57.97 रुपये प्रति लीटर करने को अपनी मंजूरी दी है, जबकि अन्य कच्चे माल के लिए दरों को अपरिवर्तित रखा। चीनी उद्योग के उप-उत्पादों से इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह मूल्यवृद्धि ऐसे समय में की है, जब देश वित्‍त वर्ष 2025-26 तक पेट्रोल में 20 फीसदी ईथेनॉल मिश्रण के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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