विक्रमादित्य सिंह बताएं कांग्रेस सरकार छोड़ गई थी कितनी देनदारी: सुखराम चौधरी
- Admin Admin
- Jan 19, 2025
शिमला, 19 जनवरी (हि.स.)। भाजपा के पूर्व मंत्री और विधायक सुखराम चौधरी ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने थे, उसके पहले कांग्रेस सरकार थी और आज भी विक्रमादित्य सिंह मंत्री हैं। उन्होंने विक्रमादित्य सिंह से सवाल किया कि वह अपने विभाग से यह पता करें कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता से बाहर हुई थी, तो उस समय लोक निर्माण विभाग पर रामपुर, रोहड़ू, करसोग, आनी, किन्नौर और सेराज क्षेत्रों की कितनी देनदारी बाकी थी।
चौधरी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस यह दावा करती रही है कि उसने 80 करोड़ रुपए का भुगतान किया है जबकि यह कुल बकाया राशि का केवल दस प्रतिशत भी नहीं है। क्या कांग्रेस ने उस समय सभी ठेकेदारों का पूरा भुगतान किया था या फिर हजारों करोड़ों की देनदारी छोड़कर सत्ता भाजपा को सौंपी थी?
ठेकेदारों के भुगतान पर सवाल
सुखराम चौधरी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के काम मंत्री अपने हाथों से नहीं करते हैं बल्कि यह कार्य ठेकेदारों के जरिए होते हैं। ठेकेदार भी काम खुद नहीं करते, वे अन्य लोगों से काम करवाते हैं, जिससे एक बड़ा इको सिस्टम बनता है। इससे रोजगार मिलता है और प्रदेश का विकास होता है। जब ठेकेदारों को समय पर भुगतान नहीं होता तो नीचे काम करने वाले लोग भी प्रभावित होते हैं जिससे लाखों लोगों को फर्क पड़ता है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि उसने ठेकेदारों को समय पर भुगतान नहीं किया और इससे प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हुआ।
कांग्रेस की नाकामी पर भाजपा का जोर
चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बिलों का भुगतान लंबित छोड़ दिया था, जबकि भाजपा सरकार के समय ठेकेदारों को उनकी देनदारी समय पर दी गई। उन्होंने सवाल किया, क्या भाजपा सरकार के समय ठेकेदारों के पैसे पेंडिंग थे? क्या ठेकेदारों ने काम करने से मना किया था? इन सभी सवालों का जवाब उन्होंने 'नहीं' में दिया, और कहा कि भाजपा सरकार के दौरान सब कुछ नियम के अनुसार चल रहा था।
विक्रमादित्य से जवाब की मांग
चौधरी ने विक्रमादित्य सिंह से आग्रह किया कि वे प्रदेश के लोगों के सामने यह स्पष्ट करें कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता से बाहर होते समय कितनी देनदारी छोड़ी थी। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार अपनी नाकामी को भाजपा पर थोपने की कोशिश करती है, तो यह संभव नहीं होगा। विक्रमादित्य सिंह को अपनी सरकार की असफलताओं पर जवाब देना होगा और सही आंकड़े प्रस्तुत करने होंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा