दिल्ली अमृतसर बुलेट ट्रेन के लिए सर्वे शुरू, कई देशों में होगा काम
- Neha Gupta
- Dec 10, 2024
Amritsar Delhi Bullet Train : केंद्र सरकार ने दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन का सर्वे शुरू कर दिया है। बुलेट ट्रेन प्रोजैक्ट के लिए हरियाणा और पंजाब के 343 गांवों से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजैक्ट पूरा होन के बाद दिल्ली और अमृतसर के बीच बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी।
केंद्र सरकार इस तरह के 10 रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने की योजना बना रही है। इनकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों से बातचीत भी शुरू हो गई है। दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन रूट की कुल लंबाई 465 किलोमीटर होगी।
यह होगा रुट-
बुलेट ट्रेन दिल्ली से बहादुरगढ़, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर होते हुए अमृतसर पहुंचेगी। दिल्ली और अमृतसर के बीच चलने वाली यह बुलेट ट्रेन चंडीगढ़ समेत कुल 15 स्टेशनों पर रुकेगी।
इतनी होगी स्पीड-
ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। ट्रेन चलने की गति 320 किलोमीटर (दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन) प्रति घंटा होगी। औसत गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। यह ट्रेन एक बार में लगभग 750 यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगी।
हर जिले में बनेगा स्टेशन-
बुलेट ट्रेन चलने से दिल्ली से अमृतसर तक का सफर काफी कम समय में पूरा हो जाएगा। ऐसे में दिल्ली-अमृतसर के बीच 465 किलोमीटर की दूरी तय करने में 2 घंटे से भी कम समय लगेगा। दिल्ली से हरियाणा होते हुए अमृतसर तक के रूट पर हर जिले में एक स्टेशन बनाया जाएगा। जिस पर 61,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
जालंधर से 49, लुधियाना से 37, अमृतसर से 22 गांव शामिल
दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुल 343 गांवों में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। पंजाब के 186 गांवों से जमीनें ली जाएंगी, जिनमें मोहाली से 39, जालंधर से 49, लुधियाना से 37, अमृतसर से 22, फतेहगढ़ साहिब से 25, कपूरथला से 12 और तरनतारन और रूपनगर से एक-एक गांव शामिल हैं। यह रेलवे लाइन मोहाली जिले के डेराबस्सी सब-डिवीजन के 24 गांवों से होकर गुजरेगी।
इस प्रोजैक्ट के तहत मोहाली तहसील के 9 गांवों बाकरपुर, रुड़का, कंबाला, चिल्ला, रायपुर खुर्द, दुराली, सुनेटा, रायपुर कलां, शामपुर की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके अंतर्गत खरड़ तहसील के 6 गांव भरतपुर, गिद्दरपुर, चूहड़ माजरा, मछली कलां, टोडर माजरा और मजाट की जमीन आएगी। किसानों को जमीन के लिए प्रत्येक गांव के कलैक्टर रेट से 5 गुना अधिक राशि प्रदान की जाएगी।