पश्चिम बंगाल विधानसभा में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पुनर्विचार की मांग

कोलकाता, 22 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के उपाध्यक्ष के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की। यह फैसला पांच अगस्त को समय की कमी का हवाला देकर लिया गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 जुलाई, 2024 को संविधान के अनुच्छेद 179(ग) और विधानसभा नियमावली के नियम 201(1) के तहत यह प्रस्ताव पेश किया था। पार्टी अब 25 नवंबर, 2024 से शुरू हो रहे सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग कर रही है।

शुभेंदु अधिकारी ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि जब से नोटिस दाखिल किया गया है, तब से विधानसभा को स्थगित नहीं किया गया है, इसलिए यह नोटिस अभी भी वैध है। उन्होंने आगामी सत्र में इस पर चर्चा की अनुमति देने की अपील करते हुए इसे संवैधानिक और प्रक्रियात्मक रूप से महत्वपूर्ण बताया।

उल्लेखनीय है कि इस प्रस्ताव को अगस्त सत्र में खारिज कर दिया गया था, जब उपाध्यक्ष ने इस पर चर्चा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।

भाजपा सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव अध्यक्ष बिमान बनर्जी के खिलाफ उनकी कार्यशैली में पक्षपात का आरोप लगाते हुए लाया गया है। शुभेंदु अधिकारी और अन्य विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष पर विपक्षी विधायकों की आवाज दबाने का आरोप लगाया है।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा की इस पहल को महज राजनीतिक नौटंकी बताया है। तृणमूल ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से ये की गई है।

संवैधानिक विशेषज्ञों के अनुसार, अध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया बेहद जटिल है और इसके लिए सदन की अनुमति आवश्यक होती है।

भाजपा के पास 294 सदस्यीय विधानसभा में केवल 72 विधायक हैं। ऐसे में, अगर इस प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति भी मिल जाती है, तो प्रस्ताव पारित करने के लिए बहुमत जुटाना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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