काजी नजरूल विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन

आसनसोल, 29 जुलाई (हि.स.)। काजी नजरूल विश्वविद्यालय परिसर में सोमवार को छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर देबाशीष बनर्जी ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके साथ बदतमीजी की गई। हालांकि तृणमूल छात्र परिषद ने वाइस चांसलर के आरोपों को मानने से इनकार कर दिया।

प्रदर्शनकारी छात्रों का दावा है कि यूनिवर्सिटी फंड का 80 लाख से एक करोड़ रुपये कानूनी क्षेत्र पर खर्च किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों को एक श्वेत पत्र प्रकाशित करना चाहिए और बताना चाहिए कि आम छात्रों का पैसा कहां खर्च किया गया। इसी मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन लंबे समय से चल रहा है।

इस बीच सोमवार को जब वाइस चांसलर विश्वविद्यालय आये तो मामला और गरमा गया। आरोप है कि वाइस चांसलर के कक्ष को तृणमूल छात्र परिषद के छात्रों ने घेर लिया। कथित तौर पर कुलपति के कमरे की लाइट और पंखे को भी बंद कर दिया गया।

सोमवार को कुलपति के इर्द-गिर्द नारे लगे, 'गवर्नर के एजेंट वीसी, तुम दूर हटो'। वाइस चांसलर देबाशीष बनर्जी ने कहा कि मैं कोई काम नहीं कर सका। मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों हो रहा है। मेरी कुर्सी के पीछे धक्का दिया। यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मुझसे बाहर जाने के लिए कह रहे हैं। साढ़े तीन घंटे यह सब झेलने के बाद मैं बाहर निकला। ब्रत्य बाबू ने मुझे जो काम करने को दिया, मैं वह काम नहीं कर सका। पंखा लाइट भी बंद कर दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय / गंगा

   

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