ठाणे बुलेट स्टेशन रेल ,मुंबई मेट्रो ,सिटी मेट्रो सड़क,जल व हवाई मार्ग से जुड़ेगा
- Admin Admin
- Sep 27, 2025

मुंबई ,27 सितंबर (हि. स. )। हाई स्पीड रेलवे (बुलेट ट्रेन) परियोजना से वित्तीय निवेश और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। बुलेट ट्रेन का ठाणे स्टेशन बुलेट ट्रेन, रेलवे, मेट्रो, आंतरिक मेट्रो, बस, जेटी (जलमार्ग), कैब-रिक्शा स्टेशनों के साथ-साथ आस-पास के सभी प्रमुख राजमार्गों और हवाई अड्डों से विशेष सड़कों के माध्यम से जुड़ा होगा। ठाणे में सभी परिवहन सुविधाओं का एक जंक्शन बनाया जाएगा। राज्य में हाई स्पीड रेलवे स्टेशन क्षेत्र के विकास में सभी हितधारकों को सक्रिय रूप से भाग लेने की आवश्यकता है, जिसमें शहर को मौलिक रूप से बदलने की क्षमता है। इस संबंध में, शुक्रवार (26 सितंबर) को ठाणे में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, गुजरात सरकार, जापान सरकार, स्थानीय नगर पालिकाओं और संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा स्टेशन क्षेत्र के विकास की दिशा निर्धारित करने हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे परियोजना में कुल 12 स्टेशन हैं। जिनमें से 4 स्टेशन (मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर) महाराष्ट्र में हैं। इन स्टेशन क्षेत्रों का योजनाबद्ध तरीके से विकास प्रस्तावित है। इसके लिए भारत सरकार, जापान सरकार और राज्य सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें से ठाणे और विरार स्टेशन क्षेत्रों की सुनियोजित विकास योजना स्थानीय नगर पालिकाओं, जापान सरकार के प्रतिनिधि, जेआईसीए और शहरी विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की जा रही है। यह संगोष्ठी सभी हितधारकों को नियोजन प्रक्रिया में शामिल करने और उनकी अपेक्षाओं को जानने के लिए आयोजित की गई थी।
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय, राष्ट्रीय हाई स्पीड रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मार्गदर्शन में, ठाणे नगर निगम आयुक्त सौरभ राव के नेतृत्व में नगर विकास विभाग ने इस संगोष्ठी का समन्वय किया। इसमें केंद्र सरकार के नगर नियोजन संगठन, जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA), नगर नियोजन एवं मूल्यांकन विभाग, ठाणे, कल्याण डोंबिवली और वसई-विरार नगर निगमों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ निर्माण क्षेत्र के पेशेवर, वास्तुकार, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सभी हितधारकों को इस संगोष्ठी में भाग लेना चाहिए और इस परियोजना के डिज़ाइन को समझना चाहिए। इसमें सरकार से क्या अपेक्षाएँ हैं, नागरिकों को क्या सुविधाएँ प्रदान की जा सकती हैं, इस पर विचार किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार की यह संचार पहल पूरे परियोजना क्षेत्र में आयोजित की जाएगी। इसकी शुरुआत ठाणे और विरार में स्टेशन क्षेत्र के विकास पर चर्चा के साथ होगी, केंद्रीय गृह और शहरी विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डी. थारा ने एक दृश्य प्रणाली के माध्यम से बताया।
हाई-स्पीड रेलवे स्टेशन क्षेत्र के विकास के लिए नीति बनाने का काम चल रहा है। इस संगोष्ठी का आयोजन इसके विषयों, चुनौतियों और अवसरों पर विचार-मंथन के लिए किया गया है। संगोष्ठी के प्रारूप की व्याख्या करते हुए, अतिरिक्त मुख्य सचिव (नगरीय विकास विभाग) असीम गुप्ता ने कहा कि यह आवश्यक है ताकि नागरिकों को इस परियोजना का लाभ मिल सके और राज्य का यह क्षेत्र परिवहन-उन्मुखी रूप से विकसित हो सके।
नगरीय विकास एवं मूल्यांकन विभाग के निदेशक जितेंद्र भोपाले ने हाई स्पीड रेलवे के अंतर्गत राज्य के स्टेशनों के संबंध में राज्य की भूमिका प्रस्तुत की। बीकेसी, ठाणे, विरार और बोईसर के स्टेशन क्षेत्रों की योजना बनाई जा रही है। भोपाले ने यह भी कहा कि इससे नियोजन का एक अच्छा मॉडल तैयार होगा।
यह रेलवे उद्योगों को आकर्षित करेगी। इससे रोजगार सृजन होगा। राज्य के औद्योगिक विकास आयुक्त दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने उद्यमियों के लिए आवश्यक सुविधाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।
आयुक्त सौरभ राव ने स्पष्ट किया कि हाई स्पीड रेलवे स्टेशन क्षेत्र के नियोजित विकास से करोड़ों रुपये का निवेश आएगा और बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होंगे। इस मार्ग पर ठाणे में स्टेशन क्षेत्र का विकास करते समय, 25 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र हरित क्षेत्रों के लिए आरक्षित किया जाएगा। ठाणे हाई स्पीड स्टेशन भारत का पहला मल्टीमॉडल एकीकृत स्टेशन होगा। यह बुलेट ट्रेन, रेलवे, मेट्रो, इनर मेट्रो, बस स्टेशन, जेटी (जलमार्ग), कैब-रिक्शा स्टेशनों के साथ-साथ आस-पास के सभी प्रमुख राजमार्गों और विशेष सड़कों के माध्यम से हवाई अड्डे से जुड़ा होगा। आम नागरिकों को सभी सार्वजनिक परिवहन सुविधाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। आयुक्त राव ने बताया कि ये सभी सुविधाएँ एक-दूसरे से बहुत ही योजनाबद्ध और पूरक तरीके से जुड़ी होंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा



