एक राष्ट्र एक चुनाव का उद्देश्य चुनावों के लिए किए जाने वाले प्रबंध से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना :गिरीश चंद्र यादव
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- May 04, 2025

जौनपुर,04 मई (हि.स.) । एक राष्ट्र, एक चुनाव के इस विचार को एक साथ चुनाव के रूप में भी जाना जाता है, जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक ही साथ कराने का प्रस्ताव प्रस्तुत करता है। इससे मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही दिन सरकार के दोनों स्तरों के लिए अपने मत डाल सकेंगे, हालाँकि देश भर में मतदान कई चरणों में कराया जा सकता है। इन चुनावी समय-सीमाओं को एक साथ जोड़ने के दृष्टिकोण का उद्देश्य चुनावों के लिए किए जाने वाले प्रबंध से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना, इसमें लगने वाले खर्च को घटाना और लगातार चुनावों के कारण कामकाज में होने वाले व्यवधानों को कम करना है। यह बातें रविवार काे उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने कही।
एक राष्ट्र - एक चुनाव विषयक परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन रविवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्विद्यालय परिसर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष भाजपा पुष्पराज सिंह ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्वलित करके के किया गया। परिचर्चा कार्यक्रम में क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख व प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे।
जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा भारत में नयी नहीं है। संविधान को अंगीकार किए जाने के बाद, 1951 से 1967 तक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए गए थे। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के पहले आम चुनाव 1951-52 में एक साथ आयोजित किए गए थे। यह परंपरा इसके बाद 1957, 1962 और 1967 के तीन आम चुनावों के लिए भी जारी रही। हालाँकि, कुछ राज्य विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण 1968 और 1969 में एक साथ चुनाव कराने में बाधा आई थी। कार्यक्रम का संचालन धर्मेन्द्र मिश्रा ने किया
हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव