पिथौरागढ़, चमोली, बागेश्वर बने शीतजल मत्स्य क्लस्टर, ट्राउट मत्स्य पालन में पिथौरागढ़ अग्रणी

देहरादून, 10 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा ने बताया कि केंद्र सरकार ने पिथौरागढ़, चमोली और बागेश्वर को शीतजल मत्स्य विकास क्लस्टर के लिए चुना है। पिथौरागढ़ को अग्रणी जिले का दर्जा मिला है। यह पहल पर्वतीय क्षेत्रों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देगी, युवाओं को रोजगार और गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत जनपद पिथौरागढ को शीतजल मत्स्य विकास कलस्टर के अन्तर्गत ट्राउट मत्स्य पालन के क्षेत्र में अग्रणी जनपद के रुप मे चयनित किया गया है। जनपद के दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित ट्राउट मत्स्य पालन मॉडल ने सफलता की नई मिसाल पेश की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के क्रियान्वयन से मत्स्य विभाग की पहल पर स्थानीय किसानों को एकजुट कर क्लस्टर के रूप में विकसित किया गया, जिसमें ट्राउट पालन के लिए साझा संसाधन, प्रशिक्षण व विपणन सुविधाएं सुनिश्चित की गईं। इससे उत्पादन लागत में कमी आई और किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ठंडे पानी की प्राकृतिक उपलब्धता और सहयोगात्मक कार्यप्रणाली ने इस प्रयास को सफल बनाया है, जिसकी सफलता के परिणामस्वरुप भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत जनपद पिथौरागढ़ को शीतजल मत्स्य विकास कलस्टर के रुप मे किये गये उत्कृष्ट कार्य हेतु पूरे भारत वर्ष में शीतजलीय मत्स्य पालन पर कलस्टर आधरित ट्राउट पालन में जनपद पिथौरागढ़ को अग्रणी जनपद की संज्ञा दी है।

मत्स्य विभाग के अधिकारी रमेश सिंह चलाल ने बताया कि क्लस्टर आधारित ट्राउट मत्स्य पालन के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षीय परियोजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत जनपद के मुनस्यारी और धारचूला में सहकारी समितियों के माध्यम से ट्राउट मत्स्य पालन किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल

   

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