सिरसा: बाल विवाह रोकने के लिए सतर्क रहें अधिकारी: नगराधीश

सिरसा, 5 अप्रैल (हि.स.)। सिरसा के नगराधीश यश मलिक ने कहा कि आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर शादियों का ज्यादा आयोजन किया जाता है। इस दौरान बाल विवाह होने की भी आशंका बनी रहती है, इसलिए सभी संबंधित विभाग यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बाल विवाह न हो।

नगराधीश यश मलिक शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र्र सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान का उद्देश्य है कि लड़कियों को शिक्षा, हुनर और आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया जाए ताकि वे अपने हक के लिए आवाज उठा सकें। जब लड़कियों को कानून की जानकारी होगी तो वे बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हो सकेंगी।

नगराधीश ने कहा कि अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर बिना सही जानकारी के कई विवाह हो जाते हैं, जिनमें बाल विवाह भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूल छोड़ चुके बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ा जाए और अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं आ रहा है, तो उसके कारण का पता लगाया जाए। अगर उसकी शादी की योजना हो रही हो, तो तुरंत बाल विवाह निषेध अधिकारी को सूचना दी जाए।

बाल विवाह निषेध अधिकारी रेखा अग्रवाल ने बताया कि आज के समय में भी कई जगहों पर बाल विवाह के मामले सामने आते हैं। समय से पहले विवाह होने से लड़कियों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और भविष्य पर बुरा असर पड़ता है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक भारत को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त बनाया जाए, लेकिन यह काम तभी संभव होगा जब सभी लोग मिलकर इसमें सहयोग करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Kumar

   

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