मेटाडोर चालकों और ई रिक्शा चालकों का विवाद बढ़ा, संबंधित विभाग बना मूकदर्शक

The dispute between Matador drivers and e-rickshaw drivers increased, the concerned department became a mute spectator.


कठुआ 06 फरवरी । कठुआ शहर में मेटाडोर चालकों और ई रिक्शा चालकों का विवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को मेटाडोर यूनियन के सदस्यों ने कालीबाड़ी में ई रिक्शा चालकों के खिलाफ प्रदर्शन किया और इंसाफ की मांग की।

गौरतलब हो कि बीते दोनों जीएमसी कठुआ के सामने सवारियों को लेकर ई रिक्शा चालक और मेटाडोर चालक की आपस में बहसबाजी हो गई जिसके बाद ई रिक्शा चालकों ने मेटाडोर चालक को कालीबाड़ी में पीटा। घायल मेटाडोर चालक को उपचार के लिए जीएमसी ले जाया गया और गुस्साए मेटाडोर चालकों ने ई-रिक्शा चालकों के विरोध में प्रदर्शन किया और मेटाडोर यूनियन के सदस्य आरटीओ कठुआ से भी मिले।

दरअसल विवाद सवारियों को लेकर है। मेटाडोर चालकों का कहना है कि ई रिक्शा चालक शहर की सड़कों पर अपनी मनमर्जी कर रहे हैं और जहां तक कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर उनका आना जाना वर्जित है उसके बावजूद भी ई रिक्शा चालक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरेआम सवारियों को बिठा रहे हैं। मेटाडोर यूनियन के सदस्यों ने कहा कि अगर मेटाडोर या डीजल पेट्रोल ऑटो वाले अगर रूट परमिट के अलावा किसी और रूट पर चलते हैं तो उन्हें ₹2000 के करीब जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन आरटीओ विभाग की ओर से ई रिक्शा को खुली छूट दे रखी है, इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है जिसकी वजह से उनके हौसले बुलंद हो गए हैं अब हालात यह हो चुके हैं कि अब मेटाडोर चालकों पर हाथापाई करना शुरू कर दी है। इसी बीच मौके पर पहुंचे आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने चालकों को समझाया। उन्होंने बताया कि जो भी कोई बिना रूट परमिट के पकड़ा गया तो उसे पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने कई टीमें गठित की है और जगह-जगह नाके लगाकर नियमों का उल्लघंन करने वाले ई रिक्शा को सीज किया जा रहा है।

अगर देखा जाए तो इस पूरे विवाद के पीछे संबंधित विभाग पूरी तरह से जिम्मेवार है। अगर संबंधित विभाग समय रहते इन ई रिक्शा चालकों पर कार्रवाई करता रहे तो कभी भी इस तरह के विवाद ना बढ़ें। दरअसल मेटाडोर, पेट्रोल डीजल ऑटो वाले सालाना यातायात विभाग का टैक्स भरते हैं, इसी के साथ-साथ उन्हें रूट परमिट भी जारी किए जाते हैं और उन्हीं रूटों पर चलते हैं। वहीं दूसरी और ई रिक्शा चालकों को भी यातायात विभाग की तरफ से रूट जारी किए गए हैं लेकिन वह मनमर्जी करते हैं और अगर मेटाडोर चालक उन्हें गलत रूटों पर चलने के लिए मना करते हैं तो उसमें विवाद बढ़ जाता है। अगर संबंधित विभाग इस पर कड़ा संज्ञान नहीं लेगा तो आने वाले दिनों में कोई बड़ी वारदात होने का अंदेशा लग रहा है।

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