बीएचयू पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता के विरोध में धरने पर बैठी छात्रा

वाराणसी,18 अप्रैल (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के पीएचडी प्रवेश प्रकिया में अनियमितता के विरोध में धरने पर बैठी छात्रा बलिया निवासिनी अर्चिता सिंह को करणी सेना का भी समर्थन मिला है। विश्वविद्यालय के केन्द्रीय कार्यालय के पास अकेले धरने पर बैठी छात्रा के पास करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह रघुवंशी अपने सहयोगियों के साथ पहुंचे और छात्रा से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली।

राकेश सिंह के इस संबंध में विभागाध्यक्ष से फोन पर बात कर छात्रा को प्रवेश देने की बात कही। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि छात्रा को 24 घंटे के अंदर न्याय मिलना चाहिए। नहीं तो करणी सेना बड़े आंदोलन के लिए भी तैयार हैं। विश्वविद्यालय परिसर में करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी देख सुरक्षा का भी व्यापक प्रबंध किया गया था।

अर्चिता सिंह ने बताया कि उसने बीएचयू हिंदी विभाग से ही स्नातक और परास्नातक की है। इस बार पीएचडी प्रवेश परीक्षा में उसका कटेगरी में 15वीं रैंकिंग आई। छात्रा ने बताया कि मुझे पिछले 16 दिनों से विश्वविद्यालय में दौड़ाया जा रहा है। इस दौरान पता चलता है कि मेरे पास आने वाले पेमेंट लिंक को रोका गया। विभाग ने एक कमेटी बना दी गई।

छात्रा का आरोप है कि विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर अपने एक नजदीकी छात्र को प्रवेश दिलाने के लिए लगे हुए हैं। इसका एडमिशन फीस जमा करने का लिंक भी अभी तक नहीं भेजा गया। जबकि उसने काउंसिलिंग और दस्तावेज बाकी सभी प्रक्रिया पूरी थी। छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर जिस छात्र को प्रवेश दिलाने के लिए जुटे हुए है। उसका 18वीं रैंक है। मुझे महिला होने और सामान्य परिवार से होने की सजा दी रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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