साहित्य कुम्भ के पांच दिवसीय वैचारिक मंथन का काव्य गोष्ठी के साथ समापन

अतिथिगण

प्रयागराज, 07 मार्च (हि.स.)। हिन्दुस्तानी एकेडमी, नया परिमल और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘साहित्य कुम्भ 2025’ का पांच दिवसीय भव्य आयोजन आज गांधी सभागार, हिन्दुस्तानी एकेडमी में सम्पन्न हुआ। यह आयोजन स्व. डॉ.कन्हैया सिंह की स्मृति में आयोजित किया गया।

शुक्रवार को समारोह के पहले सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें लखनऊ से आए कवि अमित श्रीवास्तव ने अपनी भावनात्मक रचनाओं जैसे ‘तुम ख्वाब सी थी, मैं नींद सा था’ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। गोरखपुर से आई कवयित्री डॉ. चारुशीला सिंह ने अपनी कविता ‘सबसे जुदा थे लोग निराले चले गए’ से स्व.डॉ. कन्हैया सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रसिद्ध कवि डॉ. श्लेष गौतम ने ‘तुम्हारी याद की आँधी पुरानी पीर ले आई’ जैसी पंक्तियों से श्रोताओं का मन मोह लिया। प्रयागराज के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. यश मालवीय ने पिता पर आधारित गीत सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर किया।

समापन सत्र के दौरान हिन्दुस्तानी एकेडमी के सचिव देवेंद्र प्रताप सिंह ने मंचस्थ विद्वानों का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम को हमारी सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर का महाकुम्भ बताया। प्रो.सुधीर प्रताप सिंह ने इस्लामी इतिहास और सूफी परम्परा के साथ डॉ. कन्हैया सिंह के रचना कर्म पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रो.योगेंद्र प्रताप सिंह और कस्टम विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक एस.के. सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अध्यक्षीय वक्तव्य में युवाओं के बीच अवसाद विषयक कविताओं के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की और कालजयी साहित्य की ओर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने महाकुम्भ पर अपनी एक कविता का पाठ कर समापन किया।‘नया परिमल’ के संस्थापक सचिव डॉ.विनम्र सेन सिंह ने पूरे पांच दिवसीय कार्यक्रम का समीक्षात्मक विवरण प्रस्तुत किया और हिन्दुस्तानी एकेडमी के आर्थिक सहयोग हेतु विशेष आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हिन्दुस्तानी एकेडमी के सचिव डॉ.देवेंद्र प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष दुर्गेश कुमार सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो.बृजेश पाण्डेय, प्रो.कल्पना वर्मा, डॉ.कृपा किंजाल्कम, डॉ. चितरंजन तथा शोधार्थी और विद्यार्थी समुदाय के साथ-साथ हिन्दुस्तानी एकेडमी के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

सम्बंधित खबर