
कानपुर, 30अप्रैल (हि.स.)। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट में वर्तमान पीएचडी बैच के शोधार्थियों के लिए प्री-पीएचडी रिसर्च एडवाइजरी कमेटी (आरएसी) का सफल आयोजन किया गया। स्कोपस इंडेक्स्ड, वेब ऑफ साइंस और एबीसीडी जैसी सुप्रतिष्ठित एवं उच्च गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित करने के लिए मार्गदर्शन दिया जा रहा है, और शोधार्थी इस दिशा में निरंतर कार्यरत हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शोध प्रगति की समीक्षा करना, मार्गदर्शन प्रदान करना, अकादमिक गुणवत्ता को बढ़ाना और प्रबंधन एवं वाणिज्य के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करना रहा। यह जानकारी बुधवार को प्री-पीएचडी रिसर्च एडवाइजरी कमेटी के सफल आयोजन पर कुलपति प्रो. विनय पाठक ने दी।
कुलपति ने बताया कि इसके अतिरिक्त, 30 अप्रैल को 2021–22 और 2022–23 बैच के शोधार्थियों के लिए दिन भर अलग-अलग पैनलों और स्लॉट्स में आरएसी सत्रों का आयोजन किया गया। विभिन्न विभागों के वरिष्ठ शिक्षकों और शोध मार्गदर्शकों ने शोधार्थियों की प्रस्तुतियों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए और उन्हें आगे के शोध कार्य के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया। यह सत्र विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान एवं विकास (आरएन्डडी) को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास रहे, जिनमें वित्तीय साक्षरता, स्टार्टअप संस्कृति, प्रतिभा प्रबंधन और व्यापार में डिजिटल परिवर्तन जैसे समकालीन विषयों पर शोध प्रस्तुत किए गए। शोधार्थियों ने अपने शोध प्रस्ताव और प्रगति रिपोर्ट विशेषज्ञ पैनलों के समक्ष प्रस्तुत की और अकादमिक योगदान को सुदृढ़ करने के लिए उपयोगी सुझाव प्राप्त किए।
प्रो. सुधांशु पांड्या, निदेशक, स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट ने शोधार्थियों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य शोध के क्षेत्र में उत्कृष्टता का एक ऐसा केंद्र बनाना है जो न केवल अकादमिक क्षेत्र में योगदान दे, बल्कि वास्तविक व्यावसायिक और आर्थिक चुनौतियों का समाधान भी प्रस्तुत करे। ऐसे आरएसी जैसे आयोजन इस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है।
प्रो. अंशु यादव, डीन, स्टूडेंट वेलफेयर ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन शोधार्थियों को न केवल अकादमिक रूप से परिपक्व बनाते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वासी, जिज्ञासु और सामाजिक रूप से उत्तरदायी नागरिक बनने की दिशा में भी प्रेरित करते हैं।”
प्रो. नीरज सिंह, डीन, प्रशासन ने कहा कि सीएसजेएमयू अनुसंधान-संस्कारों के माध्यम से एक जीवंत और उत्तरदायी अकादमिक वातावरण निर्मित कर रहा है, जहां उच्च गुणवत्ता वाला शोध विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान को सुदृढ़ करता है।”
इस आयोजन का सफल संयोजन डॉ. प्रभात द्विवेदी, पीएचडी समन्वयक द्वारा किया गया, जिन्हें डॉ. सुदेश श्रीवास्तव का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ। दोनों शिक्षकों ने सत्रों की योजनाबद्धता और प्रभावी संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विशेषज्ञ पैनल सदस्यों के विचार
डॉ. विवेक सिंह सचान ने शोध पद्धति की सटीकता पर बल देते हुए शोधार्थियों से अपने उद्देश्यों को मापनीय परिणामों से जोड़ने की सलाह दी।
डॉ. चारू ने शोध के सैद्धांतिक ढांचे को सुदृढ़ करने और अकादमिक नैतिकता बनाए रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
डॉ. संजीव ने शोध में साहित्य समीक्षा की गहराई और उसके माध्यम से शोध अंतराल की पहचान के महत्व को रेखांकित किया।
डॉ. मोहित ने डेटा विश्लेषण उपकरणों पर सुझाव देते हुए शोधार्थियों को गुणात्मक और मात्रात्मक अनुसंधान की आधुनिक प्रवृत्तियों को अपनाने की प्रेरणा दी।
स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट शोधात्मक उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लगातार मजबूत कर रहा है और ऐसे शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित कर रहा है जो समाज और ज्ञान की दिशा में सार्थक योगदान दें।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद