प्रदेश में धीमा पड़ेगा तेज बारिश का तंत्र, 22 से फिर होगा एक्टिव

जयपुर, 16 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश में शुक्रवार को पूर्वी राजस्थान में बारिश का दौर धीमा रहा है। वहीं पश्चिम राजस्थान के कई शहरों में तेज बारिश दर्ज की गई। बीकानेर, जैसलमेर, नागौर और श्रीगंगानगर में तेज बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश जैसलमेर के नाचना में 120 मिलीमीटर दर्ज की गई।

जलसंसाधन विभाग के अनुसार जैसलमेर के नाचना के अलावा पोकरण में 89, चांदन में 73, बीकानेर के नोखा में 88, श्रीगंगानगर के हिंदुमलकोट में 84 और लालगढ़ में 71, नागौर के जायल में 79 और डेगाना में 52 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार को जयपुर सहित करीब 17 शहरों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। तेज बारिश के चलते कोटा बैराज के तीन और पांचना बांध का एक गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं धौलपुर के पार्वती बांध से भी पानी की निकासी की जा रही है। पाली में एक कार पानी के तेज बहाव के चलते नदी में बह गई। तेज बारिश के चलते बीकानेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और नागौर में निचले इलाकों में पानी भर गया। सड़कों पर भी दो से तीन फीट पानी नजर आया। बीकानेर के सुरपुरा गांव में तीन-तीन फीट तक पानी भर गया। यहां बाढ़ के हालात बन गए। नागौर, बीकानेर में बारिश के कारण दो मकान गिर गए।

मौसम विभाग के अनुसार जयपुर, अजमेर,टोंक, अलवर, पिलानी, सीकर, उदयपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, बारां, डूंगरपुर सहित कुछ अन्य शहरों में बारिश दर्ज की गई। उत्तर-पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना परिसंचरण तंत्र अब धीरे-धीरे पश्चिमी राजस्थान की ओर आगे बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से आगामी 24 घंटों के दौरान जोधपुर, अजमेर व बीकानेर (दक्षिणी भाग) संभाग के कुछ भागों में भारी व कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। 17 अगस्त से राज्य में भारी बारिश के दौर थमने की प्रबल संभावना है। 17 से 22 अगस्त के दौरान अधिकांश भागों में आसमान खुलने व धूप निकलने की प्रबल संभावना है। अगस्त के आखिरी सप्ताह में पुनः एक और भारी बारिश का दौर सक्रिय होने की संभावना है। गुरुवार को अलवर , सीकर , करौली , कोटा , भीलवाड़ा ,टोंक ,जैसलमेर तथा बाड़मेर जिले में कहीं कहीं भारी वर्षा , जयपुर, दौसा ,बारां ,नागौर ,जोधपुर ,बीकानेर ,पाली तथा सवाई माधोपुर जिले में कहीं कहीं अति भारी वर्षा एवं अजमेर तथा बूंदी जिले में कहीं कहीं अत्यंत भारी वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश हिंडोली बूंदी में 220 मिलीमीटर व पश्चिमी राजस्थान के कोलायत बीकानेर में 172 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। शुक्रवार को श्रीगंगानगर प्रदेश में सबसे गर्म रहा। यहां का अधिकतम तापमान 36.1 और न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री दर्ज किया गया।

गलतागेट में मिट्टी में दब गए वाहन और मकानों के गेट

जयपुर में बुधवार को आई तेज बारिश का पानी उतरने के बाद गलतागेट में कुछ अलग ही हालात देखने को मिल रहे है। पानी के साथ मिट्टी बहकर आने से कई वाहन उसमें दब गए तो कई मकानों के गेट के आधा हिस्सा मिट्टी में दब गए। इससे गेट नहीं खुलने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। भीतरी शहर में हालात ये है कि घरों के गेट तक नहीं खुल पा रहे। कालवाड़ से सिरसी रोड तक करीब 1 से 2 फीट तक के गड्ढे हो चुके है। यहां से गुजर रहे वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गलता के गेट के गणेशपुरी वार्ड नंबर 84 का इलाका नगर निगम हेरिटेज का हिस्सा है। बुधवार शाम को तेज बारिश के बाद पास की पहाड़ी से मिट्टी भी आ गई। लोगों का कहना है कि पानी के साथ मिट्टी तक जम गई है। जैसे ही बारिश तेज हुई तो घरों का सामान और गाड़ियां ऊंचे स्थान पर ले गए। लेकिन,बहाव इतना तेज था कि पानी मिट्टी के साथ वे भी नीचे आ गए। गुरुवार सुबह जब पानी उतरा तो पता चला कि मिट्टी के मलबे में उनकी गाड़ियां, टेम्पो और घर का सामान तक दब गया है। घर की दहलीज पर मिट्टी जमा होने से कई तो अंदर ही कैद हो गए और किसी के घर का गेट तक नहीं खुल रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिध को शिकायत करने के बाद भी राहत नहीं मिली है।

बारिश के बीच 32 घंटे स्कूल में फंसे रहे स्टूडेंट-टीचर,कई बच्चों की तबीयत बिगड़ी

फागी इलाके में तेज बारिश के कारण मासी नदी में अचानक पानी बढ़ गया। इसके कारण 42 स्टूडेंट और 8 टीचर 32 घंटे तक स्कूल में फंसे रहे। गर्मी, उमस और अंधेरे में परेशान होने के साथ ही छात्र भूख से बेहाल हो गए। हालांकि ग्रामीणों ने अध्यापकों और छात्रों के लिए खाने-पीने और सोने की व्यवस्था की। लेकिन कई बच्चों को दर्द और बुखार हो गया। स्थानीय लोगों ने बच्चों को दवाइयां भी उपलब्ध करवाई। स्टूडेंट और टीचर ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया, लेकिन रात को उनको रेस्क्यू नहीं किया जा सका। कुछ बच्चों ने खाना खाकर स्कूल में ही रात बिताई तो कुछ बच्चों के लिए आसपास के घरों में सोने की व्यवस्था की गई थी। शुक्रवार को शाम करीब 4 बजे सभी को रेस्क्यू कर लिया गया। मामला दूदू जिले के फागी स्थित महात्मा गांधी गवर्नमेंट स्कूल का है।

जानकारी के अनुसार कि बच्चे और टीचर स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए गुरुवार सुबह 8:30 बजे स्कूल पहुंचे थे। स्कूल पहुंचते ही कार्यक्रम के साथ-साथ बारिश भी शुरू हो गई। इसकी वजह से जगह-जगह पानी भरने लगा। भारी बारिश के कारण मासी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा और पानी का बहाव भी तेज हो गया। स्कूल में आने-जाने के एकमात्र रास्ते और स्कूल में पानी भर गया। पानी भरने के कारण 8 टीचर और 42 स्टूडेंट स्कूल में ही फंस गए। जानकारी के अनुसार स्कूल में फंसे सभी बच्चे स्कूल के आसपास के गांव मुराडी, धुंवालिया के रहने वाले हैं, जो चौथी से छठी क्लास में पढ़ते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश / संदीप

   

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