चिकित्सा शास्त्र की त्रिवेणी का प्रतीक बन गया मोतीलाल मेडिकल कॉलेज : राकेश चंद्र चौरसिया

चिकित्सा शास्त्र की त्रिमूर्ति की स्थापना: मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में ऐतिहासिक आयोजन

प्रयागराज, 14 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश का एकमात्र राजकीय मेडिकल कॉलेज मोतीलाल नेहरू प्रयागराज है, जहाँ चिकित्सा शास्त्र के तीन महानतम आचार्यों की प्रतिमाएँ एक साथ स्थापित की गई हैं। जैसे प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी विद्यमान है, उसी प्रकार अब यह परिसर भी चिकित्सा शास्त्र की त्रिवेणी का प्रतीक बन गया है। यह बात बुधवार को कार्यक्रम के संयोजक एवं फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश चंद्र चौरसिया ने कही।

आगे कहा, आचार्य सुश्रुत, जिन्हें विश्व में प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है, की प्रतिमा भी परिसर का गौरव बनी है। उन्होंने युद्धों के दौरान घायल सैनिकों के अंगों का सफल पुनर्निर्माण कर चिकित्सा जगत को नया दृष्टिकोण प्रदान किया। उनकी विद्वत्ता के सम्मान में विश्व के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में उनकी प्रतिमाएं स्थापित हैं।

धन्वंतरि, सुश्रुत और चरक – भारतीय चिकित्सा परंपरा के स्तंभ

कॉलेज के केंद्रीय उद्यान में स्थापित भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा चार भुजाओं वाली है, जिनमें क्रमशः अमृत कलश, आयुर्वेद शास्त्र, जड़ी-बूटी, शंख एवं आशीर्वाद मुद्रा अंकित है। समुद्र मंथन से उत्पन्न भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का प्रवर्तक माना जाता है। उनका प्राकट्य दिवस 'धनतेरस' के रूप में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

तीसरी प्रतिमा आचार्य चरक की है, जिन्हें भारतीय औषध चिकित्सा का जनक माना जाता है। उन्होंने चिकित्सा शास्त्र को नैतिकता और आचार संहिता से जोड़ा। उनके द्वारा प्रतिपादित चरक शपथ आज भी प्रत्येक मेडिकल छात्र को दी जाती है, जिससे वे अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन कर सकें।

एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक धरोहर

चिकित्सा शास्त्र की इन त्रिमूर्ति प्रतिमाओं की स्थापना केवल एक धार्मिक या प्रतीकात्मक कार्य नहीं, बल्कि भावी चिकित्सकों के लिए प्रेरणा एवं मूल्यों की शिक्षा का स्रोत है। यह पहल मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को देशभर में एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है।

बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के प्रांगण में चिकित्सा शास्त्र की त्रिमूर्ति — भगवान धन्वंतरि, आचार्य सुश्रुत एवं आचार्य चरक — की भव्य प्रतिमाओं का अनावरण समारोह सम्पन्न हुआ। यह ऐतिहासिक आयोजन कॉलेज के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में किया गया, जिसमें भारत की प्राचीन चिकित्सा परंपरा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग, प्रो. राजीव शरण उपस्थित रहे। उन्होंने तीनों प्रतिमाओं का विधिपूर्वक अनावरण कर पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम में प्रधानाचार्या प्रो. वत्सला मिश्रा ने पुष्पगुच्छ भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया एवं उनके आगमन के प्रति आभार व्यक्त किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल

   

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