ई-रिक्शा चालकों को लाइसेंस व अन्य कागजात बनवाने में पूरी तरह से हो पारदर्शिता : जिलाधिकारी

कानपुर, 04 जुलाई (हि. स.)। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार काे शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारु और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट सभागार में ई-रिक्शा संचालकों के साथ आयोजित बैठक में कहा कि ई-रिक्शा चालकों को लाइसेंस एवं अन्य जरूरी कागजात बनवाने के कार्य में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती जाए। उन्हाेंने रिक्शा संचालकों से रूट निर्धारण के संबन्ध में प्रस्ताव मांगे साथ ही डीसीपी ट्रैफिक से अपेक्षा की कि सुझाव तार्किक एवं यातायात व्यवस्था के अनुकूल होने पर ही स्वीकार किये जाएं। इसके अलावा एआरटीओ प्रवर्तन राहुल श्रीवास्तव को आवश्यक पारदर्शी कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि शहर में सिटी बसों की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा फिलहाल 90 सीएनजी और 75 इलेक्ट्रिक बसें संचालित हैं। माह के अंत तक 100 और 28-सीटर इलेक्ट्रिक बसें मिलने की संभावना है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी बसें निर्धारित स्टॉप पर ही रुकें, जिससे यात्रियों को सुविधा हो और यातायात व्यवस्था भी सुचारु बनी रहे।

ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि विकास कुमार ने सुझाव देते हुए कहा कि प्रमुख स्थलों पर ई-रिक्शा स्टैंड बनाए जाएं, जिससे अनावश्यक जाम से राहत मिल सके। इस पर नगर निगम ने अवगत कराया कि उनकी सीमा में आने वाले 20 स्थानों को ई-रिक्शा पार्किंग के लिए चिन्हित किया जा चुका है। डीएम ने 13 जुलाई से पूर्व चिन्हित पार्किंग स्टैंड पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

बैठक में डीसीपी ट्रैफिक रविंद्र कुमार, आरटीओ प्रवर्तन राहुल श्रीवास्तव, एआरटीओ कहकशां, एआरएम रोडवेज रामलवट, तथा ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार वाजपेयी, कपिलदेव, देवेंद्र पाल और राजकुमार उपस्थित रहे।

डीएम के कहने पर ई-रिक्शा एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने छोड़ा गुटखा, छह अन्य चालकों ने भी पान मसाला दिया त्याग

ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के कहने पर पान मसाला खाना पूरी तरह छोड़ दिया है। साथ ही अपने छह साथियों को छुड़वाया। विनोद कुमार ने बताया कि लगभग दो माह पूर्व जनता दर्शन में अपनी निजी समस्या जिलाधिकारी के समक्ष रखी थी। जिलाधिकारी ने समस्या सुनने के बाद गंभीर स्वर में कहा था 'पहले पान मसाला छोड़िए, फिर बात होगी।' यह एक वाक्य विनोद कुमार के जीवन की दिशा तय करने वाला बन गया और उसी दिन से उन्होंने पान मसाला खाना छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इस परिवर्तन से उनकी बेटी बहुत खुश है और घर में अब पहले से कहीं अधिक सकारात्मक माहौल है।

जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने विनोद कुमार के संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति खुद को बदलता है, तो उसका असर केवल उस तक सीमित नहीं रहता बल्कि वह समाज को भी दिशा देता है। इच्छाशक्ति से किसी भी बुरी आदत से छुटकारा पाया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद

   

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