रोहतक जिले में रहा ब्लैक आउट, 10 मिनट तक पूरे जिले में छाया रहा अंधेरा

लोगों ने स्वेच्छा से घरों, वाहनों, प्रतिष्ठानों व कार्यालयों की लाइट की बंद

रोहतक, 7 मई (हि.स.)। राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास के तहत देर सांय ब्लैकआउट की मॉकड्रिल की गई। मॉकड्रिल के प्रथम हिस्से में जहां किसी आपात स्थिति में नागरिकों को बचाने का अभ्यास किया गया वहीं दूसरे हिस्से में देर सांय सात बजकर 50 मिनट पर ब्लैकआउट की गतिविधि आयोजित की गई।

जैसे ही सात बजकर 50 मिनट हुई, सायरन बजाया गया। सायरन बजने के साथ ही सभी कार्यालयों, प्रतिष्ठानों व घरों की लाइटें बंद कर दी गई। मॉकड्रिल में आवश्यक सेवाओं को शामिल नहीं किया गया था।

प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए थे कि अस्पतालों में ब्लैकआउट अभ्यास के दौरान खिड़कियों पर गहरे मोटे रंग के पर्दे लगाए जाए ताकि रोशन बाहर नजर न आए। ब्लैकआउट मॉकड्रिल के दौरान नागरिकों ने अपने-अपने वाहनों को सडक़ के साइड में खड़ा करके उनकी लाइटों को ऑफ कर दिया था। मॉकड्रिल के दौरान शााम सात बजकर 50 से लेकर आठ बजे तक नागरिकों ने स्वैच्छा से लाइटों को बंद करके देश की सुरक्षा के प्रति अपनी एकजुटता को दर्शाया। इस प्रकार से ब्लैकआउट की सफल मॉकड्रिल का आयोजन जिला के नागरिकों के सहयोग से किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने कहा कि वर्ष 1971 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद इस प्रकार की पहली मॉकड्रिल देशभर में आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिक सुरक्षा रहा है। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल केवल मात्र एक अभ्यास होता है और ऐसी स्थिति में नागरिकों को भयभीत होने की कतई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार लोग भयभीत होकर खाद्य सामग्री आदि का भंडारण शुरू कर देते है, जोकि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मॉकड्रिल के दौरान अन्य गतिविधियों के साथ-साथ बिजली के सब स्टेशन व नहरों आदि की विशेष निगरानी की जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल

   

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