मेजिया थर्मल पावर प्लांट में लोहे की संरचना गिरने से दो मजदूरों की मौत

कोलकाता, 13 मई (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले स्थित मेजिया थर्मल पावर प्लांट में मंगलवार सुबह एक हादसे में दो निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई। ये दोनों श्रमिक ठेके पर काम कर रहे थे और प्लांट परिसर में लोहे की एक ऊंची संरचना के गिरने से उसकी चपेट में आ गए।

मृतकों की पहचान प्रेम सुंदर (31) और कंवर पॉल (21) के रूप में हुई है। दोनों उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के निवासी थे और नौकरी के सिलसिले में बांकुड़ा में रह रहे थे। हादसे के वक्त ये मजदूर उसी संरचना के नीचे कार्यरत थे, जो अचानक ढह गई।

स्थानीय मजदूरों का कहना है कि लोहे की इस 100 मीटर ऊंची संरचना के जॉइंट बोल्ट ढीले हो गए थे, जिससे उसका संतुलन बिगड़ गया और वह भरभराकर गिर गई। यह संरचना आमतौर पर प्लांट के निर्माण कार्य में लगे ठेका श्रमिकों के लिए छांव के रूप में उपयोग होती थी।

घटना में एक अन्य श्रमिक भी घायल हुआ है, जिसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

हादसे के बाद प्लांट में कुछ समय के लिए कार्य प्रभावित हुआ और वहां कार्यरत श्रमिकों ने प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि प्लांट में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

उल्लेखनीय है कि मेजिया थर्मल पावर प्लांट में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। अगस्त 2024 में एक बड़ी चिंगारी (फ्लैशओवर) की घटना में एक विद्युत अभियंता सहित चार कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए थे। वहीं फरवरी 2010 में क्रेन गिरने से तीन ठेका मजदूरों की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हुआ था। इससे पहले जून 2009 में भी एक क्रेन हादसे में चार निर्माण श्रमिकों की जान गई थी।

लगातार हो रहे इन हादसों ने पावर प्लांट की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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