बलरामपुर पहाड़ी कोरवा आत्महत्या मामले में तीन अन्य आरोपित गिरफ्तार

बलरामपुर, 12 मई (हि.स.)। बलरामपुर जिले के बरियों पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम भेस्की में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय के बुजुर्ग भईरा की आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। कोरवा परिवार की संयुक्त जमीन हड़पने के मामले में पुलिस ने रविवार शाम तीन और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में ग्राम पिंडरा निवासी व्यापारी अमित गुप्ता (34), राजपुर निवासी महेन्द्र अग्रवाल (52) और पटवारी रजाउल हसन (38) शामिल हैं। पटवारी रजाउल मूलतः लुंड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम उदारी का निवासी है। उस पर आरोप है कि पूरे रैकेट को संरक्षण दिया और पुलिस को गुमराह किया है।

रुपये का लेनदेन भी फर्जीः जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि उक्त राशि प्रियंका ट्रेडर्स के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से भेजी गई थी, जो आरोपित अमित गुप्ता संचालित करता है। पूछताछ में उसने बताया कि महेन्द्र अग्रवाल (प्रवीण व विनोद का बड़ा भाई) के कहने पर उसने खाता नंबर दिया और पैसे भेजे गए। बाद में यह राशि बलरामपुर के जोगी पेट्रोल पंप से नकद निकाल ली गई। इससे पहले पुलिस ने शिवाराम नगेशिया, उदय शर्मा और एक महिला आरोपित कमला को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया था।

चौकी बरियों में इस मामले में बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। बलरामपुर पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर के निर्देशन में गठित विशेष टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी और एसडीओपी कुसमी शामिल हैं। मामले में तहसीलदार व उप पंजीयक सहित तीन आरोपित फरार हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय की की भूमि की बिक्री बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति नहीं हो सकती। इसके बावजूद हल्का पटवारी ने नक्शा (बी-1) और चौहद्दी देकर रजिस्ट्री का रास्ता साफ किया। उप पंजीयक ने भी बिना आवश्यक अनुमति के रजिस्ट्री की, जिससे नियमों की अवहेलना हुई।

कैसे हुआ जमीन का फर्जीवाड़ा

मृतक भईरा के पुत्र संतलाल ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके परिवार की ग्राम भेस्की स्थित संयुक्त भूमि को कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से अपने नाम करा लिया। इस साजिश में शिवाराम नवकी, विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, महेन्द्र कुमार गुप्ता राजपुर, उदय शर्मा (परसागुड़ी), हल्का पटवारी राहुल सिंह और तत्कालीन तहसीलदार व उप पंजीयक यशवंत कुमार शामिल है। शिकायत के अनुसार, बिना सभी खातेदारों की सहमति और बिना सक्षम अधिकारियों (कलेक्टर /एसडीएम) की अनुमति के, पहाड़ी कोरवा परिवार की भूमि की रजिस्ट्री शिवाराम के नाम कर दी गई। आरोप है कि यह रजिस्ट्री चौदह लाख रुपये का चेक देकर की गई, जो बैंक ऑफ बड़ौदा, अंबिकापुर से जारी हुआ था।

हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पाण्डेय

   

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