रायगढ़ , 16 नवंबर (हि.स.)।शनिवार की दोपहर रेत से भरी ट्रैक्टर पलटने की घटना में दबकर चालक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही भूपदेवपुर थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ पहुंचकर मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिये अस्पताल भेजते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक भूपदेवपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम लेबडा में स्थित रेत घाट से बालू लेकर जा रहे ट्रैक्टर चालक रोशन सिदार (24 वर्ष ) निवासी धनागर अपनी तेज रफ्तार ट्रैक्टर पर नियंत्रण खो बैठा और फिर ट्रैक्टर सड़क किनारे खेत में पलट गई। इस घटना में ट्रैक्टर चालक की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।
इस संबंध में भूपदेवपुर थाना प्रभारी सीताराम ध्रुव ने बताया कि ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट जाने घटना में चालक की नीचे दबकर मौत हो गई। इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
बताया जा रहा है कि रोशन सिदार करीब 4 साल पहले विवाह कर ट्रेक्टर चलाकर अपने माता-पिता पत्नी और एक बच्चे का पालन-पोषण करते आ रहा था। रोजना की भांति आज भी वह रमेश द्विवेदी नामक एक व्यक्ति का ट्रेक्टर लेकर बालू लेने के लिए मांड नदी गया था। जहां से बालू लेकर वह रायगढ़ जाने के लिये निकला था तभी कछार मोड़ के पास वह वाहन से ट्रेक्टर से नियंत्रण खो बैठा जिसके कारण यह घटना घटित हो गई।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य ने भी 05 नवंबर को अनुविभागीय अधिकारी रायगढ़ से लिखित शिकायत करते हुए कहा था कि कांशीचुआ विद्यालय में करीब 350 छात्र अध्ययनरत हैं। साथ ही यहां से 200 मीटर की दूरी पर एक अन्य प्राईवेट संस्था भी संचालित है। जहां सैकड़ो बच्चे अध्ययनरत है। इन दोनों विद्यालय के सामने एक छोटी सी सड़क में रोजाना मांड नदी से 200 से 250 की संख्या में बालू लेकर गुजरते हैं। जो कि स्कूली छात्रों के लिये खतरा बना हुआ है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए भारी वाहन के आवागमन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। इसके बावजूद इस ओर कोई पहल नही की गई जिसके परिणाम स्वरूप आज यह घटना घटित हो गई।
पांच नवंबर को ग्राम पंचायत बघनपुर गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए लेबडा घाट और उसरौट घाट से रोजाना निकलने वाले बालू लोड गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग कर चुके थे। गांव के ग्रामीणों ने कहा था कि सैकड़ो डंपर एवं लगभग दो से अधिक टैªक्टर में रोजाना बालू लोड गाडियां उनके गांव से होकर गुजर रही है। जहां आंगनबाडी के अलावा प्राथमिक शाला संचालित है। जिससे अभिभावकों को अपनी बच्चों को स्कूल और आंगनबाडी भेजने में भय बना रहता है। गांव से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार इतनी अधिक रहती है कि गांव में कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान