अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलाः बिहार पैवेलियन में रामायण के कथा वाली डेढ़ लाख की मिथिला पेंटिंग बनी आकर्षण का केन्द्र 

नई दिल्ली, 20 नवंबर (हि.स.)। इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में इस बार बिहार पैवेलियन अपनी कला, संस्कृति, और हस्तशिल्प के लिए खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। विशेषकर बिहार पवेलियन के स्टॉल नंबर 6 पर मिथिला पेंटिंग अवॉर्डी कलाकार ममता देवी द्वारा बनाई गई रामायण की कथा वाली मिथिला पेंटिंग लोगों को खूब आकर्षित कर रही है।

स्टॉल के संचालक एवं ममता देवी के पुत्र अंकित ने बताया कि इस पेंटिंग की कीमत डेढ़ लाख रुपये है। इसके अलावा मधुबनी पेंटिंग में विश्व स्तर पर पहचान बना रहा हेमा देवी का स्टॉल भी लोगों को आकर्षित कर रहा है । स्टॉल संचालक एवं हेमा देवी के भाई अजय कुमार बताते हैं कि मधुबनी पेंटिंग मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है, जिसमें मिथिला पारंपरिक पेंटिंग, रामायण-महाभारत पेंटिंग, गोधना पेंटिंग और रेखाचित्र पेंटिंग शामिल है।

बुधवार को बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह बिहार पैवेलियन का परिभ्रमण करने पहुंचे। अंजनी कुमार सिंह ने बिहार पैवेलियन में लगे बिहार संग्रहालय के प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं पद्मश्री व स्टेट अवॉर्डी कलाकारों द्वारा बिहार के टिकुली आर्ट, मिथिला पेंटिंग एवं टेरोकोटा कला के लाइव डेमो की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इन सम्मानित कलाकारों द्वारा अपनी कलाओं का किया जा रहा जीवंत प्रदर्शन मेले में आने वाले आगंतुकों के लिए खास है। वह इन सम्मानित कलाकारों के उत्पादों की खरीदारी के साथ साथ उसको बनते भी देख रहे हैं । इस बार 24 नवंबर को बिहार दिवस मनाया जाएगा, जिसमें बिहार सरकार के उद्योग विभाग एवं पर्यटन विभाग के मंत्री नितीश मिश्रा मुख्य अतिथि होंगे । बिहार दिवस पर मंत्री पैवेलियन के परिभ्रमण के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे और शाम को बिहार दिवस पर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे।

सिकी आर्ट: नज़्दा खातून की प्रेरणादायक कहानी

मधुबनी जिले के उज्जैन नगर उसराही की रहने वाली नज़्दा खातून ने सिकी आर्ट को एक नई पहचान दी है। सिकी घास से बनाए गए उनके उत्पाद जैसे चूड़ियां, बैग, गुलदस्ते, और मंदिर पौटी पारंपरिक और पर्यावरण अनुकूल हैं। नज़्दा खातून के साथ करीब डेढ़-दो सौ महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिन्हें वह इस कला का प्रशिक्षण देती हैं। उनके प्रयास से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भी बन रही हैं। नज़्दा खातून को जीविका पुरस्कार, राज्य स्तर के पुरस्कार, और पर्यावरण संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया है। हालांकि वह ऑनलाइन व्यापार नहीं करतीं लेकिन उनके उत्पाद मेलों और स्थानीय ऑर्डरों के जरिए काफी लोकप्रिय हैं।

बिहार पैवेलियन में कला और संस्कृति का संगम

बिहार पैवेलियन में मधुबनी पेंटिंग और सिकी आर्ट जैसी कलाओं ने दर्शकों को बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया है। यहां कला और नवाचार का ऐसा संगम दिखा, जो दर्शकों को प्रेरित कर रहा है। ट्रेड फेयर में बिहार सरकार द्वारा आयोजित बिहार पैवेलियन न केवल स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहित करता है, बल्कि बिहार की कला, संस्कृति, और हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने का भी एक बड़ा प्रयास है।

इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के इस संस्करण में बिहार पैवेलियन ने यह साबित कर दिया है कि अपनी परंपराओं को संरक्षित करते हुए नवाचार और आधुनिकता को अपनाया जा सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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