झज्जर:सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को दिया गया आपदा में मदद का प्रशिक्षण

झज्जर, 11 जून (हि.स.)। जिला प्रशासन झज्जर द्वारा आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल की उपस्थिति में रविवार को लघु सचिवालय स्थित संवाद भवन में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स (नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों) का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एसडीआरएफ के भोंडसी केंद्र से आए विशेषज्ञों की देखरेख में संपन्न हुआ।

डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने कहा कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स किसी भी आपदा के समय स्थानीय प्रशासन के फ्रंट लाइन सहयोगी होते हैं और प्रशिक्षित टीम का हिस्सा बनने से उनका योगदान और अधिक प्रभावी हो जाता है।

एसडीआरएफ के ईएचसी रवि कुमार और अनिल कुमार ने जिलाभर से आए पूर्व सैनिक, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस वॉलेंटियर्स (स्वयंसेवकों) को आपातकालीन स्थितियों में राहत और बचाव कार्यों की तकनीकी जानकारी दी। प्रशिक्षण में रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़े वालंटियर्स, जिले के पूर्व सैनिक और सभी कॉलेजों के एनसीसी कैडेट्स ने सक्रिय भागीदारी की। ट्रेनिंग उपरांत ये जिलाभर में लोगों को नागरिक सुरक्षा का प्रशिक्षण देंगे। इस अवसर पर एसडीएम बादली सतीश यादव, एसडीएम झज्जर रविंद्र यादव, सीटीएम रविंद्र मलिक, डीआरओ प्रमोद चहल, डीआईपीआरओ सतीश कुमार, नोडल अधिकारी जीतपाल, रेड क्रॉस सचिव देवेंद्र चहल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

प्रशिक्षण सत्र में प्रतिभागियों को आपदा की स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने, प्राथमिक चिकित्सा देने और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए संकट काल के समय क्या सावधानियां बरतनी इन सब बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही फर्स्ट एड, स्ट्रेचर इस्तेमाल, सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और रेस्क्यू उपकरणों के उपयोग पर भी अभ्यास करवाया।इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को जिले के सभी कॉलेजों, निजी व सरकारी शिक्षण संस्थानों में आयोजित करवाया जाएगा ताकि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स तैयार हो और किसी भी आपदा के समय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) के इस अभ्यास में प्रतिभागियों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए व्यावहारिक तकनीकी ज्ञान दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर विशेष अभ्यास कराया गया। (हृदय पुनर्जीवन प्रक्रिया) व प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, स्ट्रेचर संचालन और घायल व्यक्ति की सुरक्षित निकासी के अभ्यास, आपातकालीन अलर्ट प्रणाली की कार्यप्रणाली, रेस्क्यू ऑपरेशन में उपयोगी रस्सी तकनीक, संकट की स्थिति में नागरिकों के साथ संवाद बनाए रखने की विधियां आदि।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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