ट्रांसपोर्टरों ने सरकार की नीतियों पर जताई चिंता, राहत की मांग की

ट्रांसपोर्टरों ने सरकार की नीतियों पर जताई चिंता, राहत की मांग की


जम्मू, 13 फ़रवरी । जम्मू में सैकड़ों ऑटो-रिक्शा चालकों और ट्रांसपोर्ट मालिकों ने वीरवार को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विशेष महाजन से मुलाकात की और उन नीतियों पर चिंता जताई, जिनके बारे में उनका दावा है कि वे वित्तीय संकट में फंस रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ट्रांसपोर्टर सरकार के गलत फैसलों के कारण अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

ट्रांसपोर्टरों ने प्रशासन से जम्मू में नए ई-रिक्शा और ब्लैक ऑटो की बिक्री पर तुरंत रोक लगाने का आग्रह किया, क्योंकि उनके अनुसार शहर में पहले से ही व्यावसायिक वाहनों की भरमार है। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू और कश्मीर के बाहर से गैर-पेशेवर ड्राइवरों की आमद कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा कर रही है साथ ही दावा किया कि कुछ अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।

एक अन्य प्रमुख मुद्दा उठाया गया कि दिल्ली से कश्मीर तक सीधी ट्रेन सेवाओं का प्रभाव क्या है, जिसके बारे में उनका तर्क है कि इससे जम्मू में पर्यटन कम हो रहा है और परिवहन, होटल और व्यापारियों सहित स्थानीय व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि स्थानीय अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए जम्मू रेलवे स्टेशन को कश्मीर जाने वाली ट्रेनों के लिए अनिवार्य बोर्डिंग पॉइंट के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

ट्रांसपोर्टरों ने उच्च बीमा शुल्क, भारी ई-चालान और यातायात विभाग से कथित असहयोग पर भी निराशा व्यक्त की। उन्होंने दावा किया कि ओवरलोड ई-बसें यात्रियों को ले जा रही हैं, जिससे ऑटो और मेटाडोर चालक बिना काम के रह रहे हैं। तीव्र विरोध प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए ट्रांसपोर्टरों ने सरकार पर अपनी शिकायतों को दूर करने के लिए दबाव बनाने के लिए जम्मू शहर में एक बड़ी रैली की योजना की घोषणा की। परिवहन आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को एक महीने के भीतर दूर कर दिया जाएगा।

   

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