त्रिपुरा में भारत बंद बेअसर, जनता ने पुरानी राजनीति को नकारा: भाजपा

अगरतला, 9 जुलाई (हि.स.)। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए राष्ट्रव्यापी बंद का त्रिपुरा में कोई खास असर नहीं दिखा। राज्य में जनजीवन सामान्य रहा और सभी संस्थान आम दिनों की तरह खुले रहे। भारतीय जनता पार्टी ने इसे जनता द्वारा पुरानी और अप्रासंगिक राजनीति को खारिज करने का संकेत बताया है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव तापस मजूमदार ने कहा कि त्रिपुरा की जनता ने इस बंद को पूरी तरह नकार दिया। स्कूल, कॉलेज, बैंक और कार्यालय सभी सामान्य रूप से खुले रहे। राज्य में किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में जनजीवन बाधित करने की कोशिश की गई, लेकिन प्रशासन ने तुरंत स्थिति को काबू में कर लिया।

मजूमदार ने वाम समर्थित ट्रेड यूनियनों, खासकर सीटू (सीटू) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वे बंद को सफल बताने की झूठी कहानी फैला रहे हैं। जो धरातल पर है और जो ये नेता कह रहे हैं, उसमें ज़मीन-आसमान का फर्क है। त्रिपुरा की जनता अब बीते जमाने की राजनीति से आगे बढ़ चुकी है।

उन्होंने बंद को लेकर जनता की उदासीनता का श्रेय भाजपा सरकार की विकास योजनाओं को दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के नेतृत्व में राज्य में विकास की रफ्तार तेज़ हुई है। गरीब से गरीब व्यक्ति तक कल्याण योजनाएं पहुंच रही हैं।

उन्होंने वामपंथी संगठनों पर विकास की गति को बाधित करने का आरोप लगाते हुए कहा, ऐसे बंद उनकी प्रासंगिकता बनाए रखने की असफल कोशिश हैं। लेकिन जनता ने अब साफ कर दिया है कि वह विरोध नहीं, विकास चाहती है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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