छात्र का अपहरण कर हत्या के 2 दाेषियाें को आजीवन कारावास
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- Mar 17, 2025

आज़मगढ़, 17 मार्च (हि.स.)। फिरौती के लिए अपहरण कर मासूम छात्र की हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय की कोर्ट ने दो दाेषियाें को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक कुमार मिश्रा ने साेमवार काे बताया कि लगभग 19 साल पूर्व जिले की शहर काेतवाली के
सदावर्ती माेहल्ला निवासी अजती रुंगटा के ज्याेति निकेतन स्कूल में पढ़ने वाले बेटे शुभांग का अपहरण गया था। वह 31 अगस्त 2006 को स्कूल गया लेकिन वापस घर नहीं लौटा। परेशान माता-पिता काे काफी तलाश के बाद स्कूल के साइकिल स्टैंड से ही बच्चे की साइकिल मिली थी। उसी रात 9 बजे पिता अजीत रूंगटा के फोन पर फिरौती के लिए फोन आया। पुलिस ने संदेह के आधार पर पूर्व में अजीत के घर में काम करने वाले नाबालिग नौकर से कड़ी पूछताछ की।उसने बताया कि फिरौती के लिए तीन साथिथाें के साथ मिलकर शुभांग का अपहरण किया गया था। अपहरण के बाद बच्चे को सिधारी थाना अंतर्गत जमालपुर गांव में प्रमोद यादव के घर में रखा था। बच्चे के पहचान लेने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव काे शारदा टॉकीज के पास नदी किनारे सरपत के झुरमुट में फेंक दिया।
शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि नाबालिग नौकर की निशानदेही पर बच्चे की लाश तीन दिन बाद 3 सितंबर 2006 को पुलिस ने बरामद कर लिया। पुलिस ने जांच पूरी कर प्रमोद यादव उर्फ़ बालू यादव, हर्रा चुंगी निवासी अजीत कुमार शर्मा और दो नाबालिग आरोपियों के विरुद्ध नवंबर 2006 में चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। दोनों नाबालिग आरोपियों की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई।
शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने वादी मुकदमा अजीत रुंगटा समेत आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपित प्रमोद यादव उर्फ बलऊ तथा अजीत कुमार शर्मा को दाेषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। काेर्ट ने दाे दाेषियाें पर 45-45 हज़ार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव चौहान