महाकुंभ भगदड़ में राजस्थान के दो श्रद्धालुओं की मौत

जयपुर, 30 जनवरी (हि.स.)। उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मंगलवार रात 1.30 बजे हुई भगदड़ में राजस्थान के दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। ये लोग मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए पहुंचे थे। भगदड़ में अजमेर के सरवाड़ में स्यार गांव की निहाली देवी (60) और चौमूं (जयपुर) के जैतपुरा-अणतपुरा के नाथूलाल टोडावत (85) की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार निहाली देवी पति रामनारायण बैरवा के साथ प्रयागराज गई थीं। 22 जनवरी को वे मथुरा, वृंदावन और अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करते हुए 27 जनवरी को महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंची थीं। दल में 50 यात्री थे। 28 जनवरी की रात 1.30 बजे वे संगम तट से 300 मीटर दूर थी।

भगदड़ में पति-पत्नी एक-दूसरे से बिछड़ गए। रामनारायण ने पत्नी को बहुत ढूंढा, लेकिन वे कहीं नहीं मिलीं। 29 जनवरी को दोपहर 12 बजे कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि निहाली का शव लखनऊ (उत्तर प्रदेश) अस्पताल में है। रामनारायण लखनऊ पहुंचे। एंबुलेंस से अपनी पत्नी के शव को लेकर गुरुवार दोपहर एक बजे गांव पहुंचे।

जयपुर के भांकरोटा से कुंभ स्नान के लिए गई 60 साल की महिला सुप्यार देवी दो दिन से लापता है। वे पति दुर्गालाल मीणा के साथ कुंभ में गई थीं। भगदड़ के बाद से वे गायब हैं। दुर्गालाल ने कुंभ के पास समुद्र कूप थाने (प्रयागराज, यूपी) में सुप्यार मीणा की गुमशुदगी भी दर्ज कराई है।

भांकरोटा में माधोराजपुरा के रहने वाली सुप्यार मीणा के बेटे राजेंद्र मीणा ने बताया कि माता-पिता गांव के लोगों के साथ 27 जनवरी की शाम को बस से कुंभ स्नान के लिए निकले थे। भगदड़ के बाद से ही मां लापता है। इसके बाद पिता ने कॉल कर जानकारी दी। राजेंद्र मीणा सुबह ही मां को कुंभ में सर्च करने के लिए जयपुर से निकल गए हैं।

पाली के मंडिया रोड शिव कॉलोनी निवासी प्यारी देवी (70) पत्नी मोहनलाल सरगरा 24 जनवरी को प्रयागराज गई थी। 29 जनवरी की रात हुई भगदड़ में प्यारीदेवी अपने ग्रुप से बिछड़ गईं। उनके साथ गए लोग उन्हें वहां ढूंढते रहे। इसी बीच उसे राजपूती ड्रेस में कुछ लोग मिले। उसने आपबीती उन्हें बताई।

पाली के विरमपुरा (नाना) विक्रमसिंह ने बताया कि हम 40 लोग बस लेकर प्रयागराज गए थे। भगदड़ के दौरान प्यारी देवी हमें रोते हुए मिलीं। हमारी राजपूती ड्रेस देखकर वे हमारे पास आई और ग्रुप से बिछड़ने की बात बताई। उनके पास किसी के मोबाइल नंबर नहीं थे। ऐसे में उनकी मदद की और अपने साथ बस में बिठाकर गुरुवार सुबह रवाना हुए।

उन्होंने बताया कि प्यारी देवी के घर का पता लगाने के लिए पाली में रहने वाले अपने परिचित समुंद्र सिंह भाटी से बात की और सारी कहानी बताई। इस पर उन्होंने बताया कि प्यारीदेवी के बारे में उन्होंने खबर देखी है। फिर समुंद्र सिंह महिला के घर पहुंचे और उनके परिजनों की प्यारी देवी से फोन पर बात कराई। 31 जनवरी की सुबह तक प्यारीदेवी को पाली छोड़ देंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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