चिट्टा तस्करी में संलिप्त दो पुलिस कांस्टेबल बर्खास्त, जांच के घेरे में 60 से अधिक सरकारी कर्मचारी

शिमला, 18 अप्रैल (हि.स.)। शिमला में नशा तस्करी के खिलाफ अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस विभाग ने दो पुलिस कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने चिट्टा तस्करी में लिप्त पाए गए पुलिस कांस्टेबल जुगल किशोर और संदीप कुमार को सेवा से हटाने के आदेश जारी किए। दोनों को पहले ही गिरफ्तार कर लाइन हाजिर किया गया था और कैथू पुलिस लाइन में तैनात किया गया था। अब मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों के बाद इस मामले में सख्त कदम उठाया गया।

मुख्यमंत्री पहले से ही स्पष्ट कर चुके हैं कि नशा तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में शामिल कोई भी सरकारी कर्मचारी बख्शा नहीं जाएगा। उनकी सख्त नीति के तहत प्रदेशभर में ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई हो रही है।

शिमला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे मिशन क्लीन-भरोसा अभियान के अंतर्गत अब तक विभिन्न विभागों के 24 सरकारी कर्मचारी नशा तस्करी या नशाखोरी में संलिप्त पाए गए हैं। इनमें पुलिसकर्मी, डॉक्टर, बैंक अधिकारी, पटवारी, फॉरेस्ट गार्ड, पीडब्ल्यूडी और शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं। शिमला पुलिस ने पिछले दिनों इन सभी की सूची तैयार कर मुख्य सचिव को सौंपी और इनके विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्रवाई की मांग की।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा के बजट सत्र में खुलासा किया था कि प्रदेश में 60 से अधिक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी चिट्टा तस्करी से जुड़े हुए पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि सरकार अगले छह महीनों में इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इस अपराध में 30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। अब तक एक ड्रग माफिया के घर को गिराया है और 17 लोगों की संपत्तियों को जब्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया था कि राज्य में नशा करने वालों की पहचान के लिए विशेष मैपिंग प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसे स्कूलों और कॉलेजों तक भी विस्तारित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के अनुसार पिछले तीन वर्षों में राज्य में चिट्टा तस्करी के 4780 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें 38 लोगों की जान जा चुकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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