केंद्रीय बजट : नौवहन और विमानन क्षेत्र को बढ़ावा, 25 हजार करोड़ रुपये के समुद्री विकास कोष का प्रस्ताव

- अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों को जोड़ने और 4 करोड़ यात्रियों को ले जाने के लिए संशोधित उड़ान योजना

- बिहार के लिए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी

नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (हि.स.)। समुद्री उद्योग को लेकर दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 25,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक समुद्री विकास कोष स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है। आज संसद में अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह कोष वितरित समर्थन और समुद्री उद्योग में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए होगा। इस कोष में सरकार की ओर से 49 प्रतिशत तक का योगदान होगा और शेष राशि बंदरगाहों और निजी क्षेत्र से जुटाई जाएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि लागत नुकसान को दूर करने के लिए जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा, जिसमें परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारतीय यार्डों में जहाज तोड़ने के लिए क्रेडिट नोट भी शामिल होंगे। इसके अलावा एक निर्दिष्ट आकार से बड़े-बड़े जहाजों को भी इंफ्रास्ट्रक्चर हार्मोनाइज्ड मास्टर लिस्ट (एचएमएल) में शामिल करने का प्रस्ताव है। केंद्रीय बजट में जहाजों की रेंज, श्रेणियों और क्षमता को बढ़ाने के लिए 'जहाज निर्माण क्लस्टर' की सुविधा देने का भी प्रस्ताव है। इसमें संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा सुविधाएं, कौशल और प्रौद्योगिकी शामिल होगी। यह स्वीकार करते हुए कि जहाज निर्माण की एक लंबी अवधि होती है, वित्त मंत्री ने जहाजों के निर्माण के लिए कच्चे माल, घटकों, उपभोग्य सामग्रियों या भागों पर मूल सीमा शुल्क की छूट को अगले दस वर्षों तक जारी रखने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने जहाज तोड़ने के लिए भी इसी तरह की छूट का प्रस्ताव रखा ताकि इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।

क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान की प्रशंसा करते हुए सीतारमण ने कहा कि उड़ान ने 1.5 करोड़ मध्यम वर्ग के लोगों को तेज यात्रा की उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम बनाया है। इस योजना ने 88 हवाई अड्डों को जोड़ा है और 619 मार्गों को चालू किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि उस सफलता से प्रेरित होकर एक संशोधित उड़ान योजना शुरू की जाएगी, जो अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों के लिए क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने और 4 करोड़ यात्रियों को ले जाने के लिए शुरू की जाएगी और यह योजना पहाड़ी, आकांक्षी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों का भी समर्थन करेगी।

उन्होंने सदन को यह भी बताया कि सरकार उच्च मूल्य वाले जल्दी खराब होने वाले बागवानी उत्पादों सहित एयर कार्गो के लिए बुनियादी ढांचे और भंडारण के उन्नयन की सुविधा प्रदान करेगी। कार्गो स्क्रीनिंग और सीमा शुल्क प्रोटोकॉल को भी सुव्यवस्थित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जाएगा।

बिहार पर विशेष फोकस

बिहार राज्य को बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्ताव दिया कि राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा प्रदान की जाएगी। ये पटना हवाई अड्डे की क्षमता के विस्तार और बिहटा में ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के अतिरिक्त होंगे। पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले बड़ी संख्या में किसानों को लाभ होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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