बजट सत्र : यूपी विधान मंडल अनिश्चित काल के लिए स्थगित
- Admin Admin
- Mar 05, 2025

-विधायक के थूक के बाद सुरक्षा में लापरवाही से जुड़ा मुद्दा भी उठा
लखनऊ, 5 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का सत्र बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। फरवरी माह में 18 तारीख को विधान मंडल का बजट सत्र आरम्भ हुआ था। इस दौरान योगी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा ऐतिहासिक बजट आया। बजट पर चर्चा हुई और बजट पास हुआ। इस दौरान विधान सभा और विधान परिषद की कार्यवाही में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच कभी तीखी बहस तो कभी चुटीला अंदाज देखने को मिला। विधान सभा में थूकने का मुद्दा सामने आया तो विधान सभा सचिवालय की सुरक्षा से जुड़ा मामला भी उठा।
सत्र के अंतिम दिन बुधवार को प्रश्न काल के दौरान सपा के सदस्य मो. फहीम इरफान के पर्यावरण से जुड़े प्रश्न का उत्तर देते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के जिन 17 शहरों में हवा की गुणवत्ता एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ठीक नहीं थी, हमारी सरकार ने उसके लिए योजना बना कर कार्य किया। अब उन शहरों की स्थिति ठीक हो रही है। उन्होंने कहा कि उनमें ज्यादातर शहर दिल्ली के करीब हैं। दिल्ली की वजह से उन शहरों की स्थिति खराब हुई। इसलिए उसके लिए जिम्मेदार ‘आप’ है। जिनकी पहले दिल्ली में सरकार थी। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि बिना परमिट के यदि किसी ने पेड़ काटे हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विवाह व अन्य आयोजनों में पटाखा प्रतिबंधित करने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
विधान सभा से जारी पास का गलत इस्तेमाल न करें विधायक : महानाबजट सत्र के अंतिम दिन विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सुरक्षा महत्वपूर्ण विषय है। विधायकों को दो वाहनों का पास जारी किया जाता है। देखने में आया है कि कुछ विधायकों के परिजन, उनके सहयोगी पास लगी हुई गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। इससे बचना होगा। दूसरी बात, उक्त पास की डुप्लीकेट कॉपी तैयार कर अन्य वाहनों में लगाने का भी मामला सामने आया है। पास का यह गलत इस्तेमाल है। बुधवार को ही सुबह एक वाहन पकड़ा गया, जिसमें विधायक का पास लगा हुआ था। यह सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
टोल प्लाजा कर्मी करते हैं बदसलूकीसपा के सदस्य कमाल अख्तर ने कहा कि विधान सभा से विधायकों के जारी वाहन पास से टोल शुल्क नहीं लगता है। हम लोग यदि वाहन में मौजूद नहीं हैं तो टोल पड़ता है। इसलिए ऐसी व्यव्स्था की जाए, जिससे टोल शुल्क न देना पड़े या फिर कोई फास्टैग जैसी व्यवस्था बनाई जाए। कई टोल प्लाजा पर वहां तैनात कर्मचारी अभद्रता करते हैं। मेरी मांग है कि टोल प्लाजा पर तैनात सभी कर्मियों का आपराधिक इतिहास दिखवाया जाए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि टोल की यह व्यवस्था भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएचएआई) द्वारा लागू है। इसमें राज्य सरकार कुछ नहीं कर सकती। इस पर सदस्य ने कहा कि कूपन की या कोई अन्य व्यवस्था की जा सकती है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री के साथ अलग से बैठ कर कुछ हल निकाला जाएगा।
विधान भवन परिसर में पान-मसाल प्रतिबंधितविधान सभा अध्यक्ष ने पीठ से कहा कि विधान भवन परिसर में पान-मसाला प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह प्रतिबंध विधान सभा के कर्मचारियों, अधिकारियों के साथ सभी विधायकों पर लागू होगा। भविष्य में कोई इसका उल्लंधन करता है तो उस पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विधान सभा सत्र के दौरान ही पिछले दिनों एक सदस्य ने मण्डप के बाहर लॉबी के पास गेट के किनारे थूक दिया था। विधान अध्यक्ष खुद वहां पहुंचकर उसकी सफाई करवाई और ऐसा न करने की सख्त हिदायत दी थी। इसके साथ ही विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र के दौरान राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का उचित सम्मान नहीं करने का मामला भी आया है। विधान सभा का वीडियो देख लिया गया है। सदस्य चिन्हित किए गए हैं। वे लोग आकर खुद से स्वीकार करें कि उन्होंने गलती की है। ऐसा करने से उनका नाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। अन्यथा उनका नाम सार्वजनिक किया जाएगा। राष्ट्रगीत का सम्मान नहीं करने पर संविधान के विरुद्ध आचरण माना जाएगा। इसलिए भविष्य में ऐसा न करें।
हाथरस भगदड़ से जुड़ी रिपोर्ट विधान सभा में रखी गयीबजट सत्र के अंतिम दिन बुधवार को सरकार ने हाथरस जिले में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ से जुड़ी चार खण्डों में जांच रिपोर्ट भी विधान सभा में पेश की गयी। उल्लेखनीय है कि दो जुलाई 2024 को हाथरस जिले के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी, थाना सिकन्दराराऊ में श्रीसाकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ हो गयी थी। उसमें कई श्रद्धालुओं की जान चली गयी थी। इस घटना की जांच के लिए सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला