यूपीएससी-2024 में मप्र की आयुषी को सातवीं और माधव को 16वीं रैंक, रोमिल को 27वां और ऋषभ को मिला 28वां स्थान

- 30 से ज्यादा युवाओं का चयन, मुख्यमंत्री ने सफल प्रतिभागियों को दी बधाईभोपाल, 22 अप्रैल (हि.स.)। संघ लोक सवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा-2024 का फाइनल परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया है। इस परीक्षा में मध्य प्रदेश के 30 से ज्यादा युवाओं का चयन हुआ है। प्रदेश की आयुषी बंसल ने सातवीं रैंक और माधव अग्रवाल ने 16वीं रैंक हासिल की मिली है। वहीं, रोमिल द्विवेदी ने यूपीएससी की परीक्षा में 27वां और ऋषभ चौधरी ने 28वां स्थान हासिल किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस परीक्षा में के सफल प्रतिभागियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2024 में चयनित होने वाले मध्य प्रदेश सहित देशभर के सभी प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपकी यह सफलता आपके अथक परिश्रम, धैर्य एवं समर्पण का प्रतिफल है। आशा है कि आप सभी संवेदनशीलता, ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा के साथ लोकसेवा के पावन पथ पर अग्रसर होते हुए समाज व राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाएँगे। आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत मंगलकामनाएं।

सिविल सेवा परीक्षा-2024 में ग्वालियर की आयुषी बंसल को 7वीं रैंक मिली है। इससे पहले आयुषी ने यूपीएससी-2023 में 97वीं और 2022 में 188वीं रैंक हासिल की थी। ग्वालियर में जन्मी आयुषी की माता एलआईसी में काम करती हैं। आयुषी जब नौ साल की थीं तब पिता का निधन हो गया था। स्कूली पढ़ाई के बाद आईआईटी की तैयारी के लिए वह दिल्ली चली गई। वहां मैकेंजी एंड कंपनी में काम किया। उन्होंने साल 2022 में जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी।

आयुषी बंसल ने बताया कि मैंने ठान लिया था कि यूपीएससी फाइट करूंगी और अच्छी प्रशासनिक अधिकारी बनूंगी। इसके लिए मैंने ऑनलाइन कोचिंग जॉइन की थी, जिससे मुझे काफी फायदा हुआ था। पहले प्रयास में ही मैं आईपीएस बनीं और कर्नाटक कैडर मिला। इसके बाद लगातार ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी। इस बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी। पिछले साल यूपीएससी के फाइनल रिजल्ट में 97वीं रैंक मिली थी। इस बार की सफलता से सभी खुश हैं।

वहीं, ग्वालियर के माधव अग्रवाल ने यूपीएससी-2024 में 16वीं रैंक हासिल की है। साल 2019 में उन्होंने सीए में टॉप रैंक हासिल की थी। उनके पिता राकेश अग्रवाल चाय व्यवसायी हैं। माधव ने जब सीए किया तो वह खुश थे, लेकिन एक कसक दिल में थी कि देश के लिए कुछ करना है। माधव ने बताया कि पब्लिक सेक्टर में आकर आमजन की सेवा करना चाहता था। इसीलिए यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने कहा कि आपके ऊपर है कि मोबाइल का आप किस तरह उपयोग करते हैं। ऐसा नहीं है कि मैं सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहता था, लेकिन उतना ही जितना माइंड को फ्रेश करने के लिए जरूरी है।

यूपीएससी-2024 में रीवा के रोमिल द्विवेदी को 27वीं रैंक मिली है। पिछले साल उनका चयन ऑल इंडिया रेलवे सर्विस में हुआ था। रोमिल मूल रूप से रीवा के आनंद नगर बोदाबाग के रहने वाले हैं। दो साल पहले उन्हें यूपीएससी में 364वीं रैंक मिली थी। उनका चयन आईआरएस के लिए हुआ था। जबकि इससे पहले रोमिल मुंबई स्थित एक्सिस बैंक में असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट रह चुके हैं। जवा तहसील के पुरैना गांव में जन्मे रोमिल द्विवेदी के पिता केके द्विवेदी जॉइंट कमिश्नर सहकारिता भोपाल में पदस्थ हैं। बड़े भाई वन विभाग में हैं। वहीं चाचा प्रकाश द्विवेदी राज्य वित्त सेवा के अधिकारी हैं। रोमिल अपने चाचा से इंस्पायर होकर ही यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। रोमिल के पिता केके द्विवेदी ने बताया कि उनके बेटे ने बगैर किसी कोचिंग के खुद तैयारी करते हुए यह सफलता हासिल की है।

इसी तरह मंदसौर जिले के गरोठ निवासी गोविंदराम चौधरी के पोते और स्वर्गीय मनोज चौधरी के सुपुत्र ऋषभ चौधरी ऋषभ चौधरी ने 28वीं रैंक की हासिल की है। खास बात ये है कि ऋषभ ने बिना कोचिंग के ही ये मुकाम पाया है। ऋषभ ने यूपीएससी की तैयारी बिना किसी कोचिंग के घर पर ही की। उन्होंने अपनी पहली पसंद के रूप में इंडियन फॉरेन सर्विस को चुना। इससे पहले वे जर्मनी की एक बैंक में 17 लाख रुपये के पैकेज पर काम कर रहे थे। इसे छोड़कर उन्होंने 2022 से यूपीएससी की तैयारी शुरू की। ऋषभ के पिता मनोज चौधरी का देहांत हो चुका है। परिवार की जिम्मेदारी इन्हीं पर है।

जबलपुर के लार्डगंज में रहने वाले स्वर्णिम चौधरी का यूपीएससी में चयन हुआ है। स्वर्णिम को 258वीं रैंक मिली है। वहीं, नर्मदापुरम जिले के इटारसी निवासी मोनू शर्मा ने यूपीएससी में 359वीं रैंक हासिल की है। मोनू ने ये सफलता चौथे प्रयास में पाई है। मोनू के पिता प्राइवेट जॉब करते हैं और मां गृहिणी हैं। मोनू शर्मा ने बताया कि उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सेल्फ स्टडी करके सफलता हासिल की है। लक्ष्य आईएएस का था, लेकिन जो रैंक आई है, उससे आईपीएस मिल जाएगा। मोनू से छोटी दो बहनें और हैं। छोटी बहन रोणिका भी एमपीपीएससी की तैयारी कर रही हैं।

यूपीएससी 2024 में ग्वालियर के भितरवार की दिव्यांशी अग्रवाल को 249वीं रैंक मिली है। उन्होंने कहा कि पापा कभी-कभी कहते थे कि काश मेरा कोई बच्चा आईएएस या आईपीएस होता। तभी मैंने सोच लिया था कि मुझे आईएएस बनना है। मैंने सेल्फ स्टडी की और एक साल की तैयारी में यूपीएससी क्लियर हो गया। दिव्यांशी बताती हैं कि मेरे पापा नरेंद्र कुमार अग्रवाल की किराने की दुकान है। मां रश्मि अग्रवाल हाउस वाइफ हैं। पापा को मैंने बचपन से कड़ी मेहनत करते देखा है। वही हार्डवर्क करने की आदत मेरी भी है।

आगर के आयुष जैन ने यूपीपीएससी परीक्षा 2024 में 344वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने कहा कि पहले तो यूपीएससी के नाम से ही डर लगता था। लगता था कि ये मेरे बस की बात नहीं है। लेकिन फिर मैंने इसके बारे में गहराई से जानकारी ली। समझा कि किन विषयों पर पकड़ बनानी होगी। तब पता चला कि जिन विषयों में मुझे पहले से रुचि थी, वही इस परीक्षा के लिए सबसे अहम हैं। जैसे कि इतिहास और आर्ट्स स्ट्रीम के अन्य सब्जेक्ट। यह आयुष का तीसरा प्रयास था।

शिवपुरी जिले की दो युवा प्रतिभाओं ने यूपीएससी-2024 में सफलता पाई है। करैरा के व्यापारी सतीष कुमार नौगरेया की बेटी कृतिका नौगरेया (डॉल) ने 400वीं रैंक हासिल की है। वहीं, शिवपुरी जिले के हिम्मतगढ़ गांव के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले नीतेश धाकड़ ने 719वां स्थान पाया है। नीतेश की इस सफलता से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को नई प्रेरणा मिली है।

भोपाल के क्षितिज आदित्य शर्मा को 58वां स्थान मिला है। इसी तरह इंदौर के योगेश राजपूत को रिजल्ट में 540वीं रैंक मिली है। इंदौर के योगेश राजपूत को 540वीं रैंक मिली है। यह योगेश का चौथा अटेम्ट था। इससे पहले उनका चयन इंडियन पोस्टल सर्विस के लिए हो चुका था, लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं थे। पिछले सप्ताह ही योगेश का इंटरव्यू हुआ है। योगेश का विषय पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशल अफेयर (पीएसआईआर) था। योगेश मूल रूप से ब्यावरा (राजगढ़) के रहने वाले हैं। वहीं, अशोकनगर के डंगौरा गांव के आशीष रघुवंशी ने यूपीएससी की परीक्षा में 202वीं रैक हासिल की है। आशीष के पिता पुलिस विभाग में एएसआई के पद पर हैं।

यूपीएससी परीक्षा 2024 में उज्जैन के प्रतीक सिसोदिया का चयन हुआ है। उन्हें 753वीं रैंक मिली है। पंचायत समन्वय अधिकारी के रूप में काम करने वाले प्रतीक के पिता कैलाश सिसोदिया ने बताया कि ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े प्रतीक ने उज्जैन के कालिदास ऑक्सफोर्ड स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वे देवास चले गए। वहां उन्होंने तलवारबाजी सीखी, जिसमें उनका चयन नेशनल खिलाड़ी के रूप में हुआ। वहीं, रतलाम के जावेद मेव को 815वीं रैंक मिली है। इससे पहले जावेद का साल-2023 की यूपीएससी सीएपीएफ परीक्षा में असिस्टेंट कमांडेंट में चयन हो चुका है। जावेद ने बताया कि यह उनका 7वां अटेम्ट था। 3 मई को ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जाना है। आज रिजल्ट आया है। अब देखते है आगे क्या करना है।---------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

सम्बंधित खबर