अमेरिका व भारतीय विद्यार्थियों ने सामाजिक कार्य के क्षेत्र में ज्ञान और अनुभवों को किया साझा
- Admin Admin
- Mar 06, 2025

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में अमरीकी विद्यार्थियों की भागीदारी
अजमेर, 6 मार्च(हि.स)। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में नॉर्थन मिशिगन विश्वविद्यालय (एनएमयू), अमेरिका और दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के सहयोग से संस्कृति, समुदाय और सामाजिक परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई। 8 मार्च, 2025 तक चलने वाले इस चार दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज कार्य के क्षेत्र में अकादमिक आदान प्रदान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और विद्यार्थियों के मध्य वार्तालाप को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर गहन चर्चा और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच की भूमिका प्रदान करेगा।
कार्यक्रम को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम शोध और नवाचार को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं, साथ ही वैश्विक स्तर पर सामाजिक कार्य के क्षेत्र में ज्ञान और अनुभवों को साझा करने का भी एक मत्वपूर्ण माध्यम है।
संगोष्ठी के पहले दिन की शुरुआत विश्वविद्यालय अतिथि गृह के निरामय ध्यान कक्ष में अतिथियों के लिए आयोजित योग और ध्यान सत्र के साथ हुई। सुबह के सत्र के बाद, अकादमिक कार्यवाही अकादमिक ब्लॉक में स्थानांतरित हुई, जहां शिक्षाविदों और छात्रों की एक विशिष्ट सभा एकत्रित हुई। अतिथियों का स्वागत तिलक एवं पारम्परिक राजस्थानी पगड़ी से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों द्वारा पौधे को जल प्रदान कर की गई जो की सांकेतिक रूप से ज्ञान और बुद्धिमत्ता को पोषण प्रदान करने का चिन्ह था।
कार्यक्रम की शुरुआत समाज कार्य विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी नेगी के स्वागत सम्बोधन से हुई। प्रोफ़ेसर सारा कार्लसन ने इस अवसर पर भारत की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और विशेष आतिथ्य के प्रति अपना विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया की किस प्रकार ज्ञान, विचार और संस्कृति के आदान-प्रदान के माध्यम से यह दौरा दोनों विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए फायदेमंद होगा। दिनभर चलने वाली गतिविधियों में अमेरिका से आए छात्रों के साथ समाज कार्य विभाग के छात्रों के बीच वार्तालाप सत्र का आयोजन हुआ जिसमें अमेरिकी विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक रूप से भिन्न भारत में समाजकार्य क्षेत्र की चुनौतियों जैसे लैंगिक भेदभाव, अभाव ग्रस्त आधारभूत संरचना, जातीय समीकरण एवं धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का जनमानस पर गहरा प्रभाव आदि के बारे में विद्यार्थियों से जाना।
पीएचडी विद्यार्थियों के साथ वार्तालाप में प्रोफ़ेसर एशले प्रोवोस्ट ने अमेरिका में स्थानीय आदिवासी समूहों की महिलाओं के मातृत्व एवं प्रसव से जुड़े अनुभवों पर अपने डॉक्टरल शोध के अनुभवों को साझा किया। साथ ही समाज कार्य विभाग के पीएचडी विद्यार्थियों ने अपने शोध विषयों एवं कार्यप्रणाली दृष्टिकोण को साझा किया। प्रोफ़ेसर संजय रॉय ने इस अवसर पर शोधार्थियों को सामाजिक विज्ञान अनुसंधान में नैतिक विचार पर विस्तार से व्याख्यान दिया जिसमें समुदायों की सांस्कृतिक मान्यताओं, गोपनीयता एवं अखंडता का पर्याप्त सम्मान करना एवं साहित्यिक चोरी और नक़ल जैसी आधारभूत गलतियों से बचने की सलाह दी।
प्रोफ़ेसर विकास कुमार ने भारतीय छात्रों को अमेरिका में पोस्टडॉक्टरल डिग्री के लिए उपलब्ध अवसरों, एप्लिकेशन प्रक्रिया एवं चुनौतियों से अवगत कराया। इसके बाद अमेरिकी छात्रों ने नलू, खेड़ा, मुंडोती, चूंदरी और बांदरसिंदरी गांवों का दौरा कर पंचायत प्रणाली, कचरा प्रबंधन, जल संकट, महिला सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूहों (SHG) और सामुदायिक विकास की चुनौतियों को समझने का प्रयास किया। उन्होंने पंचायत सदस्यों से मिलकर जाना कि ग्रामीण प्रशासन की कार्यप्रणाली एवं विकास योजनाएँ के क्रियान्वन के विषय में जानकारी प्राप्त करी। अमेरिकी छात्रों ने कचरा प्रबंधन और जल संकट जैसी समस्याओं को देखते हुए स्थानीय लोगों से उनके समाधानों के बारे में चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सारा कार्लसन, सहायक प्रोफेसर, नॉर्थन मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका, एशले प्रोवोस्ट, सहायक प्रोफेसर, नॉर्थन मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका, डॉ. विकास कुमार, सहायक प्रोफेसर, नॉर्थन मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका, प्रो संजय रॉय, विभागाध्यक्ष, समाज कार्य विभाग, और डॉ सुधीर मस्के, सहायक प्रोफेसर, समाज कार्य विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली आदि उपस्थित थे। इसके अतरिक्त नॉर्थन मिशिगन विश्वविद्यालय से आए स्नातक और स्नातकोत्तर की 13 छात्राएँ भी संगोष्ठी में हिस्सा लेने आई है।
फील्ड विजिट में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अमेरिकी छात्राओं का अपने अनुभवों के आधार पर नेतृत्व एवं मार्गदर्शन किया। इससे विजिट के माध्यम से अमेरिकी छात्राओं ने ग्रामीण भारत में सामाजिक कार्य के क्षेत्र में आने वाली विशिष्ठ चुनौतियों को नजदीकी से जानने एवं समझने का प्रयास किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष