बक्सा में  बर्ड फेस्टिवल को लेकर अनिश्चितता 

अलीपुरद्वार, 29 दिसंबर (हि. स.)। हाईकोर्ट के फैसले के कारण बक्सा में बर्ड फेस्टिवल को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। बक्सा टाइगर रिजर्व की ओर से विभिन्न संगठनों को पत्र भेजा जा चुका है। वहीं, पर्यावरण संगठन इस महोत्सव को बंद न करने की मांग कर रहे हैं। प्रत्येक साल यह उत्सव अंग्रेजी नव वर्ष के पहले सप्ताह यानी पांच से नौ जनवरी तक आयोजित होती है। जिसे लेकर बक्सा टाइगर रिजर्व के अधिकारी भी पांच दिवसीय उत्सव की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, बक्सा टाइगर रिजर्व में होम स्टे के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर को पर्यटकों के लिए रात्रि प्रवास पर मौखिक प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद बक्सा में बर्ड फेस्टिवल को लेकर संशय बना हुआ है।

बक्सा टाइगर रिजर्व के उप क्षेत्र निदेशक (डीएफडी) डॉ. हरिकृष्णन पीजे ने कहा कि इस साल बक्सा में बर्ड फेस्टिवल को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है। महोत्सव को किसी अन्य तिथि पर आयोजित करने का प्रयास किया जा रहा है।

दरअसल, बक्सा में अवैध निर्माण को लेकर पर्यावरणविद् सुभाष दत्त ने 2015 में ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला दायर किया था। उस मामले में ट्रिब्यूनल ने बक्सा होम स्टे को बंद करने का आदेश दिया। जिसके बाद बक्सा होम स्टे के मालिकों ने सुभाष दत्त द्वारा दायर मामले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक जवाबी मुकदमा दायर किया। हाईकोर्ट ने ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। 21 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने मौखिक रूप से दस जनवरी तक बक्सा में पर्यटकों के रात्रि प्रवास पर प्रतिबंध लगा दिया। इस आदेश के चलते बक्सा में पर्यटकों की सभी बुकिंग रद्द कर दी गई हैं। हाईकोर्ट के फैसले के बाद से बर्ड फेस्टिवल पर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार

   

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