‘उछब थरपणा’ के तहत बालक- बालिकाओं ने रंगोली-मांडणा उकेरे

बीकानेर, 17 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थानी साफा-पाग, कला संस्थान एवं थार विरासत की ओर से नगर स्थापना दिवस के अवसर पर होने वाले आयोजनों की शृंखला में 537वें स्थापना दिवस पर आयोजित सात दिवसीय उछब थरपणा के तहत गुरुवार प्रात: समारोह के तीसरे दिन भव्य रंगोली एवं मांडणा बनाए गए।

संस्था अध्यक्ष एवं समारोह संयोजक राजेश रंगा ने बताया कि हमारी परम्परागत लोक कला एवं लोक संस्कृति को समर्पित इस आयोजन में बालक- बालिकाओं ने वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी हेमलता व्यास के दिशा-निर्देश में रंगों की रंगत और भावनाओं की संगत के साथ रंगोली और मांडणे युवा प्रतिभाओं ने उकेरे। जो एक से बढक़र एक मनमोहक थे। जिससे लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन एवं नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर के परिसर को विभिन्न कलात्मक आकृतियों को उकेरते हुए भव्य रूप से सुसज्जित कर दिया जिसकी आज सैकड़ों कलाप्रेमियों, दर्शनार्थियों एवं बालक-बालिकाओं ने अवलोकन करते हुए भूरी-भूरी प्रशंसा की।

प्रारम्भ में उछब थरपणा आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि उक्त 7 दिवसीय समारोह विशेष तौर से युवा प्रतिभाओं को समर्पित है। जिसके तहत ही आज युवा पीढ़ी अपनी परम्परागत कला एवं संस्कृति से रूबरू होकर प्रत्यक्ष रूप से उससे जुडक़र एक सुखद अनुभव का एहसास कर रही है। यही आयोजन की सफलताा है। समारोह के चौथे दिन ‘अलमस्त शहर बीकानेर’ विषयक निबंध का आयोजन युवा पीढ़ी के लिए आयोजित किया जाएगा।

समारोह प्रभारी आशीष रंगा ने बताया कि इस आयोजन में राव बीका-गंगासिंह का चित्र, राज चिन्ह, पतंगें, चाइनिज मांझे के बहिष्कार का संदेश, ऊंट, मोर एवं अन्य वन्य प्राणियों का सुंदर चित्रण के साथ-साथ परम्परागत मांडणे एवं वर्तमान समस्याओं पर केंद्रित रंगोली को भव्य रंगों से सजाया जिसे देखते हुए मन प्रफुल्लित होता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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