जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 6.1 प्रतिशत हुईः सरकार

जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर 2019-20 में 6.7 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 6.1 प्रतिशत हुई


जम्मू, 15 मार्च । जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर 2019-20 के 6.7 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 6.1 प्रतिशत हो गई है। इस संबंध में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 9.58 लाख आजीविका के अवसरों का सृजन सहित विभिन्न कदम उठाए गए हैं।

मंत्री जावेद अहमद डार ने शनिवार को विधानसभा को बताया कि यह सुधार श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) पर भी परिलक्षित होता है जो 2023-24 में क्रमशः 64.3 प्रतिशत और 60.4 प्रतिशत हो गया और जो केंद्र शासित प्रदेश में बढ़े हुए रोजगार के अवसरों और आर्थिक गतिविधियों को दर्शाता है।

नेशनल कांफ्रेंस के विधायक मुबारक गुल के एक सवाल का जवाब देते हुए डार ने रोजगार मंत्री सुरिंदर चौधरी की ओर से कहा कि 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर में भारी वृद्धि नहीं हुई है। जम्मू-कश्मीर की 2025 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए डार ने कहा कि 2019-20 में बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत थी जो 2020-21 में घटकर 5.9 प्रतिशत, 2021-22 में 5.2 प्रतिशत, 2022-23 में 4.4 प्रतिशत और 2023-24 में 6.1 प्रतिशत हो गई। डार ने कहा कि बेरोजगारी दर में लगातार गिरावट और एलएफपीआर और डब्ल्यूपीआर में वृद्धि, आर्थिक विकास को बनाए रखने, बेरोजगारी को और कम करने और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के लिए जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए श्रम बाजार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लक्षित नीतियों और पहलों की सफलता को दर्शाती है।

रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए डार ने कहा कि पिछले दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग और जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा 11,526 चयन किए गए हैं - 2023 में 4,836 (जेकेपीएससी द्वारा 1,141 और जेकेएसएसबी द्वारा 3695) और 2024 में 6,690 (जेकेपीएससी द्वारा 1,034 और जेकेएसएसबी द्वारा 56,756)। डार ने कहा कि निजी क्षेत्र में 2022-23 (15,719) और 2023-24 (29,969) में औद्योगिक क्षेत्र में 45,688 बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी गई। मंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में ‘मुमकिन’, ‘तेजस्वनी’, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम (आरईजीपी) जैसी योजनाओं के माध्यम से 9.58 लाख स्वरोजगार के अवसर पैदा किए गए।

उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी तक 2021-22 में 2,99,266, 2022-23 में 2,83,664, 2023-24 में 2,38,675 और 2024-25 में 1,36,165 आजीविका के अवसर पैदा किए गए। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) के तहत जनवरी 2025 तक 3.01 करोड़ व्यक्ति-दिवस पैदा किए गए जिससे 8.07 लाख परिवारों को रोजगार मिला। सरकार ने युवा विकास, उद्यमिता और आजीविका सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए बड़ी पहल की है। डार ने कहा कि सरकार ने एक संरचित और तकनीक-सक्षम दृष्टिकोण के माध्यम से पांच लाख संभावित उद्यमियों की पहचान, समर्थन और उन्हें सशक्त बनाने के लिए स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए ‘मिशन युवा’ शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इस पहल का मुख्य लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में 1,37,000 से अधिक नए उद्यम बनाना और पांच साल के कार्यक्रम में 4.25 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है।

डार ने कहा कि पिछले चार वर्षों में 246 नौकरी मेले आयोजित किए गए जिनमें 2,760 कंपनियों द्वारा 4,893 प्लेसमेंट किए गए। इसके अलावा कौशल प्रशिक्षण के लिए 6,640 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई। मंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से नौकरी चाहने वालों को स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इसने केंद्र शासित प्रदेश भर में कौशल विकास प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।

   

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