केंद्रीय मंत्री बिट्‌टू को भाजपा ने राजस्थान से बनाया राज्यसभा प्रत्याशी

जयपुर, 20 अगस्त (हि.स.)। भाजपा ने राज्यसभा चुनावों के लिए राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्‌टू को प्रत्याशी बनाया है। बिट्‌टू पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते हैं। बिट्‌टू मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री हैं।

राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, इसलिए बिट्‌टू कल ही नामांकन भरेंगे। इससे पहले उनके हरियाणा से चुनाव लड़ने की भी अटकलें चल रही थीं, लेकिन वहां से भाजपा ने वहां से कांग्रेस छोड़कर आईं नेता किरण चौधरी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।लुधियाना से 2 बार सांसद रह चुके रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बेअंत सिंह के पोते और पूर्व मंत्री तेज प्रकाश सिंह के बेटे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें लुधियाना से टिकट दिया, लेकिन उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से 20 हजार 942 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में हार के बाद भी भाजपा ने पंजाब से किसी और को न चुनकर मोदी 3.0 सरकार में बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया है। इसके बाद उनका राज्यसभा में जाकर सांसद के तौर पर शपथ लेना बेहद जरूरी है।

राजस्थान के साथ हरियाणा के रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वहां भी सीट खाली हो गई थी। इस सीट के लिए पहले रवनीत बिट्टू का नाम सामने आया था, लेकिन विरोध बढ़ता देख भाजपा अब रवनीत बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेज रही है। राजस्थान में राज्यसभा की कुल 10 सीटें हैं। इनमें से पांच कांग्रेस के पास और चार भाजपा के पास है। एक सीट खाली है। इसी पर चुनाव होना है। यदि यह सीट भी भाजपा के खाते में जाती है तो दोनों पार्टियों के पास पांच-पांच सीट हो जाएंगी। इस चुनाव के बाद सीधे जून 2026 में दो सीटें खाली होंगी। इसमें एक सीट कांग्रेस की है और एक भाजपा की है। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन छह सीटें खाली हैं। ऐसे में 194 में दो का भाग देकर रिजल्ट में एक जोड़ेंगे तो संख्या 98 आएगी। इस तरह राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए 98 वोट चाहिए। बीजेपी के पास 114 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास मात्र 66 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से बीजेपी की जीत तय है।

राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। राज्यसभा के चुनाव में अपनाए जाने वाले फॉर्मूले के हिसाब से जितनी सीटें खाली होती हैं, उसमें एक जोड़कर जितनी विधानसभा सीटें होती हैं, उसमें भाग दिया जाता है। भाग के परिणाम में एक जोड़ा जाता है। इससे जो रिजल्ट आता है, उतने वोट एक सीट पर जरूरी होते हैं। राजस्थान में एक सीट पर चुनाव होगा। इसमें एक जोड़ेंगे तो दो होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित / ईश्वर

   

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