मूंज शिल्प को पर्यटन से जोड़़ना एक अच्छा कदम : गिरिराज सिंह

- केन्द्रीय मंत्री ने शिल्प ग्राम के विकास कार्यों का किया लोकार्पण

प्रयागराज, 13 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्रीय वस्त्र मंत्री, भारत सरकार गिरिराज सिंह ने खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान एवं राज्यमंत्री ग्राम्य विकास विभाग विजय लक्ष्मी गौतम के साथ शुक्रवार को विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय, भारत सरकार के तत्वावधान में उद्यमिता विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश द्वारा बनाये गये शिल्प ग्राम (क्राफ्ट टूरिज्म विलेज-मूंज शिल्प) महेवा नैनी के विकास कार्यों का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लगायी गयी प्रदर्शनी में विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन करते हुए कारीगरों से उसके विषय में जानकारी प्राप्त की और उनके द्वारा बनाये गये उत्पादों की सराहना करते हुए मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि मूंज शिल्प को पर्यटन से जोड़ने की दिशा में यह एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोई न कोई कला तथा कारीगरी छुपी होती है। अच्छा माहौल एवं अवसर प्राप्त होने पर वह अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन करता है। उन्होंने कहा कि कला-कारीगरी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री एवं वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार लगातार प्रयासरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनी के आयोजन से मूंज कारीगरों की कला को आगे बढ़ाने तथा उनको आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे। विभिन्न जिलों के, विभिन्न तरह के मूंज उत्पाद लगाकर निश्चित ही सरकार इस योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने और उनको विकास के पथ पर अग्रसित करने के लिए यह प्रदर्शनी कारगर साबित होगी। प्रदर्शनी में विभिन्न जनपदों से आये बुनकरों द्वारा प्रदर्शनी में लगभग 40 स्टॉल लगाये गये थे। टूरिज्म विलेज महेवा, प्रयागराज में यमुनानदी के तट पर स्थित, टोकरी बनाने की जादुई कला, शिल्प का निवास स्थान है। मूंज सरपत (जंगली घास) का नरम बाहरी छिलका है, जिसे वर्ष में एक बार अक्टूबर-नवम्बर के महीने में काटा जाता है और बल्ला के रूप में संग्रहीत कर उत्पाद तैयार किए जाते है। इस अवसर पर मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत व सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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