बिजली निजीकरण के विरोध में पांच जनवरी को प्रयागराज में कर्मचारी करेंगे बिजली पंचायत

लखनऊ, 02 जनवरी (हि.स.)। बिजली के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश का जन जागरण अभियान गुरुवार को फतेहपुर और कौशांबी में हुआ । पांच जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत आयोजित होगी। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु पावर कार्पोरेशन प्रबंधन कंसल्टेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ न करें। अन्यथा अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बनेगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय ने कहा कि यह पता चला है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि जहां एक ओर निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ होने से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। वहीं दूसरी ओर ऊर्जा निगमों में इससे अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण उत्पन्न होगा।

संघर्ष समिति ने कहा कि कंसल्टेंट की नियुक्ति में भी भारी धनराशि खर्च होगी। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि कंसलटेंट कॉर्पोरेट घरानों से ही होते हैं और कंसलटेंट ऐसा आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार करते हैं जो संबंधित कॉरपोरेट घराने को सूट करता है। यह एक प्रकार से मिली भगत का खेल है जिसे रोका जाना चाहिए।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज जन जागरण अभियान के तहत फतेहपुर और कौशांबी में सभाएं कर बिजली कर्मचारियों और उपभोक्ताओं को बिजली के निजीकरण के विरोध में जागरूक किया। 03 जनवरी को प्रतापगढ़ और प्रयागराज में तथा 04 जनवरी को भदौही और मिर्जापुर में जन जागरण अभियान के तहत सभाएं की जाएंगी।

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय

   

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