दो दशक से बंद आधा दर्जन कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि यूपीसीडा को होगी हस्तांतरित

मंत्री नन्दी ने समीक्षा बैठकों में निष्प्रयोज्य भूमि यूपीसीडा को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव तैयार करने के दिए थे निर्देश

प्रयागराज, 10 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के क्रम में एवं प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने की ठोस जमीन तैयार की जा रही है। इसी क्रम में उप्र सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की करीब दो दशक से बंद आधा दर्जन कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को हस्तांतरित की जाएगी। सोमवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई। जिससे नए उद्योग स्थापित होने के साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न जनपदों में रोजगार सृजित होंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की पहचान जहां एक बीमारू राज्य के रूप में थी। वहीं आज मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निवेश का प्रमुख गंतत्व एवं देश का ग्रोथ इंजन बन कर उभरा है। असीम सम्भावनाओं के प्रदेश उत्तर प्रदेश में निवेशक निवेश के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं। जिन्हें उद्योगों को स्थापित करने के लिए भूमि देना और युवाओं के लिए रोजगार सृजित करना सरकारी की प्राथमिकताओं में है।

निवेश की सम्भावनाओं के साथ ही निवेशकों की मांग को देखते हुए स्टेट यार्न कम्पनी लिमिटेड, स्पिनिंग कम्पनी लिमिटेड, राज्य वस्त्र निगम और सहकारी कताई मिल्स संघ की बंद पड़ी मिलों की निष्प्रयोज्य भूमि को उपयोग में लाने, यूपीसीडा को सौंपने और वहां नए उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को समीक्षा बैठकों में दिए गए थे।

मंत्री नन्दी के पीआरओ ने बताया है कि उप्र सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद कताई मिलों पर सरकारी देनदारी व अन्य मदों के रूप में करीब डेढ़ अरब का बकाया था। जिसे समाप्त करने के लिए दिसम्बर 2024 में 150 करोड़ की धनराशि जारी करने का आदेश प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया था। जिसमें कताई मिलों के अंशधारकों को 88 लाख रूपए, बंद कताई मिलों के स्टोर एवं कच्चे माल की खरीद का बकाया, सिक्योरिटी डिपॉजिट एवं अन्य मदों के बकाया पर 25507 लाख रूपए का खर्च शामिल था। देनदारी की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब बंद कताई मिलों के हस्तांतरण के साथ ही नए उद्योग लगाने का रास्ता साफ हो गया है।

सोमवार को मंत्री परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद आधा दर्जन कताई मिलों की 451.20 भूमि यूपीसीडा को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया। जिसे मंत्री परिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें महमूदाबाद, सीतापुर कताई मिल की 71.02 एकड़, फतेहपुर कताई मिल की 55.31 एकड़, मऊआइमा प्रयागराज की 85.24 एकड़, बहादुरगंज, गाजीपुर की 78.92 एकड़, कम्पिल फर्रूखाबाद की 82.15 एकड़ और बुलन्दशहर कताई मिल की 78.56 एकड़ भूमि शामिल है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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