सार्वजनिक उपयोग के लिए आधिकारिक सांख्यिकी डेटा काम में लें- चौपड़ा
- Admin Admin
- Feb 12, 2025

अजमेर, 12 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों और विजन 2047 की निगरानी के लिए डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि विषय पर केंद्रित “समय श्रृंखला, विश्लेषण और सांख्यिकीय मॉडलिंग में हाल की प्रगति-2025” विषयक दो दिवसीय दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय तथा राजस्थान सांख्यिकी संघ के सहयोग से संपन्न हुआ। इस अवसर पर “भारतीय सांख्यिकी प्रणाली और राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की भूमिका” पर एक दिवसीय संगोष्ठी भी आयोजित की गई।
सम्मेलन के पहले दिन भारतीय रिज़र्व बैंक के सांख्यिकी और सूचना प्रबंधन विभाग, मुंबई के प्रधान सलाहकार डॉ. ए. आर. जोशी ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और मुद्रास्फीति से संबंधित अवधारणाओं पर गहन चर्चा की। साथ ही उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में मशीन लर्निंग के अनुप्रयोगों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों को आरबीआई डेटा के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सेटों का उपयोग कर जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इसी कड़ी में हरदीप सिंह चौपड़ा, डीडीजी, नॉर्थ ज़ोन, जयपुर ने भारतीय आधिकारिक सांख्यिकी प्रणाली और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध आधिकारिक सांख्यिकी डेटा के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया और प्रतिभागियों से इन डेटा सेटों को अपनाने की अपील की।
राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी एक ऐसा अनुशासन है जो तार्किक तर्क, सटीक व्याख्या और डेटा-संचालित निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है। विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ छात्रों में विश्लेषणात्मक सोच और निर्णय लेने के कौशल विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सम्मेलन के दूसरे दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों में विषय विशेषज्ञों ने हाइब्रिड मोड में प्रस्तुतियां दीं। इन सत्रों में वैदिक गणित और गणितीय सांख्यिकी में इसके अनुप्रयोग, वैदिक गणित के माध्यम से सांख्यिकीय विश्लेषण और कोपुला-आधारित दृष्टिकोण से समय श्रृंखला मॉडलिंग जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपेश भाटी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि संयोजक की भूमिका प्रो. जितेंद्र कुमार ने निभाई। अंत में विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स एंड कंप्यूटेशनल साइंसेस की डीन ममता रानी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / संतोष