उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक पाई गईं 2397 डॉल्फिन

—उत्तर भारत में कुल 6227 डॉल्फिन, 28 नदियों में 8507 किमी लम्बी दूरी तय कर हुआ सर्वेक्षण

वाराणसी,न06 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 2397 डॉल्फिन गंगा व ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों में पाई गई हैं। इसमें प्रदेश के अंदर कानपुर बैराज से विन्ध्याचल के बीच 380 किमी. लम्बे नदी क्षेत्र में सर्वाधिक 718 गंगेय डॉल्फिन की उपस्थिति पायी गयी।

केन्द्र सरकार ने गणना के बाद उत्तर भारत में डॉल्फिन की जनसंख्या के बारे में आंकड़ा और रिपोर्ट जारी किया है। रिपोर्ट में उल्लेख है कि पूरे उत्तर भारत में कुल 6227 डॉल्फिन पाई गई। डॉल्फिन की गणना के लिए उत्तर भारत की 28 नदियों में 8507 किमी लम्बी दूरी में सर्वेक्षण किया गया।

गुरूवार को वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, वाराणसी डॉ रवि कुमार सिंह ने यह जानकारी दी। डॉ रवि कुमार सिंह के अनुसार इस रिपोर्ट का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते तीन मार्च को गिर राष्ट्रीय उद्यान, गुजरात में किया। उन्होंने बताया कि डॉल्फिन की गणना के लिए सर्वेक्षण कार्य में वैज्ञानिकों व वन कर्मियों को 3150 मानव दिवस का समय लगा। राज्यवार डॉल्फिन की संभावित संख्या की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 2397, बिहार में 2220, झारखण्ड में 162, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में 95, पश्चिम बंगाल में 815, असम में 535 तथा पंजाब में 3 डॉल्फिन की संख्या पायी गयी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को जलीय क्षेत्रों में डॉल्फिन के संरक्षण के लिए प्रोजेक्ट डॉल्फिन की शुरुआत की थी, जिसमें नदी एवं समुद्री डॉल्फिन दोनों को संरक्षण प्रदान किया गया। वन विभाग, मत्स्य विभाग व मछुआरों के समूहों से सामंजस्य बनाते हुए गंगा व ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों में 2021 से 2023 तक 8507 किमी. लम्बे नदी क्षेत्रों में डॉल्फिन की गणना की गई। जिसमें विभिन्न प्रदेशों में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक डॉल्फिन की संख्या पायी गयी तथा उत्तर प्रदेश के अंदर कानपुर बैराज से विन्ध्याचल के बीच 380 किमी. लम्बे नदी क्षेत्र में सर्वाधिक 718 गंगेय डॉल्फिन की उपस्थिति पायी गयी। गंगा के अतिरिक्त ब्रह्मपुत्र नदी में 584, चम्बल में 298, घाघरा में 557 डॉल्फिन पाई गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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