वैदिक विद्वान ने भारतीय ज्ञान परम्परा पर दिया विशेष व्याख्यान
- Admin Admin
- Jan 25, 2025
-भारतीय ज्ञान परम्परा विश्व की सबसे प्राचीन व समृद्ध परम्पराओं में से एक : डॉ कुंज बिहारी पाण्डेय
प्रयागराज, 25 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ में देश भर से विद्वान, संत, महात्मा समेत हर क्षेत्र से विशिष्ट लोग आ रहे हैं। उनके सानिध्य का लाभ हर कोई प्राप्त कर रहा है। यही इस सबसे बड़े आयोजन की खूबसूरती भी है।
शनिवार को झूसी स्थित श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की स्वायत्तशासी संस्था महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान से वैदिक विद्वान डॉ. कुंज बिहारी पांडेय ने वेद छात्रों को वैदिक ज्ञान का महत्त्व एवं भारतीय ज्ञान परम्परा के बारे में विशेष व्याख्यान देकर विषय की बारीकियों को समझाया और छात्रों के प्रश्नों का समाधान किया।
उन्होंने वेद छात्रों को बताया कि मानवीय मूल्यों के संरक्षण के साथ आतंरिक और बाहरी आवरणों की शुद्धि का एकमात्र साधन वेदाध्ययन ही है। इसी से मनुष्य परिवार, समाज, राष्ट्र एवं विश्व कल्याण की दिशा में प्रवृत्त होगा। उन्होंने वेद छात्रों को वेदों के पठन-पाठन में अभिरुचि और वेदों में ज्ञान-विज्ञान को भी समझाया।
उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा विश्व की सबसे प्राचीन और समृद्ध परम्पराओं में से एक है। इसमें वेद, उपनिषद, योग, आयुर्वेद, ज्योतिष और दर्शन जैसे विविध जान क्षेत्रों का समावेश है। यह परम्परा आध्यात्मिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनूठा संगम पस्तुत करती है। यह परम्परा मानव कल्याण और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने की शिक्षा देती है। प्राचार्य ब्रजमोहन पाण्डेय ने अंगवस्त्र देकर डॉ. कुंज बिहारी पांडेय को सम्मानित किया। इस अवसर पर वेद विद्यालय के सभी वैदिक विद्वान मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र