रामगढ़ में 115 चिन्हित मॉडल गांव का 13 जनवरी से शुरू होगा सत्यापन
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- Jan 09, 2025
रामगढ़, 9 जनवरी (हि.स.)। रामगढ़ जिले के 326 गांव में से 115 गांव मॉडल के रूप में घोषित हो चुके हैं इन सभी गांव का सत्यापन 13 जनवरी से शुरू होगा। यह निर्देश गुरुवार को जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में डीसी चंदन कुमार ने दिया है। कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार सिंह के जरिये स्वच्छ भारत मिशन तथा जल जीवन मिशन के वर्तमान स्थिति के बारे में बताया गया। समीक्षा के क्रम में कार्यपालक अभियंता के जरिये बताया गया कि वर्तमान में 326 गांव के विरुद्ध 115 गांव मॉडल के रूप में घोषित हो चुके हैं। इसके सत्यापन के लिए टीम का गठन किया गया है। डीसी ने कहा कि कि 13 जनवरी को सभी प्रखंडों में टीम का प्रशिक्षण करते हुए सत्यापन प्रक्रिया को प्रारंभ किया जाए। साथ ही 20 जनवरी से पूर्व सभी गांव का जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं।
बैठक में यूनिसेफ सहयोगी संस्था से निर्भय कुमार के जरिये बताया गया कि वर्तमान में कुल 244 गांव में तरल कचरा प्रबंधन से संबंधित व्यवस्था है। इस संबंध में उपायुक्त के जरिये निर्देशित किया गया कि शेष 74 गांव का सर्वे करते हुए प्रतिवेदन 11 जनवरी के शाम तक उपलब्ध कराएं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण से संबंधित प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त के द्वारा निर्देशित किया गया की 18 जनवरी से पूर्व सभी गांव का सर्वे पूरा करें। कचरा वाहन के नियमित संचालन के लिए उपायुक्त के जरिये निर्देशित किया गया कि ग्राम पंचायत स्तर पर वाहन का संचालन करें। गोवर्धन योजना से संबंधित समीक्षा के क्रम में कार्यपालक अभियंता के जरिये बताया गया कि चितरपुर प्रखंड के सेवई उत्तरी पंचायत में गोबर गैस प्लांट निर्माणाधीन है। जिस पर यथाशीघ्र निर्माण कार्य पूर्ण करते हुए संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश उपायुक्त के जरिये दिया गया।
प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट के निर्माण तथा संचालन के क्रम में कार्यपालक अभियंता के जरिये बताया गया कि रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के मांडू चट्टी पंचायत में इकाई का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मशीनों का क्रय भी कर लिया गया है। विद्युत कनेक्शन करने के पश्चात केंद्र को चालू कराया जाएगा। इस संबंध में उपायुक्त ने यथाशीघ्र इकाई का संचालन प्रारंभ करने का निर्देश दिया। पंचायत स्तर पर निर्मित होने वाले प्लास्टिक पृथक्करण केंद्र से संबंधित भूमि प्रतिवेदन के समीक्षा के क्रम में कार्यपालक अभियंता के जरिये विभिन्न प्रखंडों से प्राप्त भूमि प्रतिवेदन के संबंध में बताया गया। इस पर उपायुक्त के जरिये निर्देशित किया गया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता अपने-अपने क्षेत्र के अंचल अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए यथाशीघ्र भूमि प्रतिवेदन प्राप्त करें, ताकि पंचायत में पृथक्करण केंद्र का निर्माण कराया जा सके।
जल जीवन मिशन की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त के द्वारा निर्देशित किया गया कि वैसे गांव जहां 80 प्रतिशत से 99 प्रतिशत के बीच घरेलू नल जल संयोजन किया जा चुका है, वैसे गांव में 10 दिनों के अंदर तीव्र गति से कार्य करते हुए 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करे। साथ ही उपायुक्त ने सभी विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र तथा अन्य संस्थाओं को भी नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश