एचएयू के क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र बावल को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

मूंगफली में अनुसंधान एवं विकास कार्यों में केन्द्र का रहा बेहतर योगदान

हिसार, 5 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान

केन्द्र बावल (रेवाड़ी) को मूंगफली में अनुसंधान एवं विकास कार्यों में बेहतर योगदान

देने के लिए सर्वश्रेष्ठ वालंटियर केन्द्र पुरस्कार प्रदान किया गया है। विश्वविद्यालय

के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने इस उपलब्धि के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र बावल

के वैज्ञानिकों को बधाई दी है।

कुलपति प्रो. कम्बोज ने बताया कि मूंगफली की उन्नत किस्म जीएनएच 804 विकसित

करने पर वैज्ञानिकों को उपरोक्त पुरस्कार दिया गया है, जो कि हरियाणा राज्य के लिए

चिन्हित की गई है। यह किस्म पैदावार व तेल की मात्रा अधिक देने वाली है। उपरोक्त किस्म

तिलहन उत्पादकता वाले राज्यों के किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने वैज्ञानिकों

से कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार के गुणवत्ताशील अनुसंधान जारी रखें।

क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र बावल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. धर्मबीर यादव ने बताया

कि यह पुरस्कार मूंगफली की राज्य स्तरीय उन्नत किस्म जीएनएच 804 के अलावा सस्य विज्ञान

में पोषक तत्वों से सम्बन्धित राष्ट्रीय स्तर पर सिफारिश करने, मूंगफली के अग्रिम पंक्ति

प्रदर्शन लगाने, किसानों व विस्तार कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण एवं इस क्षेत्र में मूंगफली

की खेती को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। मूंगफली के लिए किए गए अनुसंधान कार्य

में विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग, क्षेत्रीय निदेशक डॉ. धर्मबीर

यादव, मूंगफली पर कार्य कर रहे वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार डहिनवाल, डॉ अमरजीत व पौध प्रजनन

विभागाध्यक्ष डॉ. गजराज दहिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. पवन कुमार, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश यादव

ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, एसवीसी कपिल अरोड़ा, मीडिया एडवाइज़र डॉ. संदीप आर्य व तिलहन

अनुभाग अध्यक्ष डॉ रामावतार उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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